केंद्र सरकार ने 30 मई 2015 को अज्ञात विदेशी आय (काला धन) को संपत्ति कर अधिनियम-2015 के तहत अधिसूचित किया. यह अधिनियम 1 अप्रैल 2016 से प्रभाव में आएगा.
अज्ञात विदेशी आय तथा परिसंपत्ति (कर अधिरोपण) विधेयक- 2015 लोक सभा में 20 मार्च 2015 को प्रस्तुत किया गया तथा यह 13 मई 2015 को पारित हुआ.
विधेयक के प्रावधान
- विदेशी संपत्ति के विषय में संपत्तियों को छुपाने तथा टैक्स चोरी करने के आरोप में 10 वर्ष का कठोर कारावास दिया जायेगा.
- अज्ञात विदेशी आय अथवा परिसंपत्ति 30 प्रतिशत की एक समान दर पर कर योग्य होगी. किसी छूट अथवा कटौती अथवा किसी शेष घाटे के मुआवजे जो मौजूदा आयकर अधिनियम, 1961 के अंतर्गत स्वीकार्य हो सकता है, की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- आरोपियों को सेटलमेंट कमीशन (समझौता आयोग) तक जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
- भारत से बाहर स्थित परिसंपत्ति अथवा आय के गैर-प्रकटन के लिए जुर्माना उस पर देय योग्य कर की राशि के तिगुने के बराबर होगी अर्थात् अप्रकटित आय अथवा अप्रकटित संपत्ति की राशि का 90 प्रतिशत इसके अतिरिक्त 30 प्रतिशत की दर से कर देय होगा.
- विदेशी आय अथवा परिसंपत्ति के संबंध में विवरण की प्रस्तुति की विफलता पर 10 लाख रूपए का जुर्माना देना होगा.
- अधिनियम के अंतर्गत गलत विवरण अथवा घोषणा करने अथवा अन्य व्यक्ति को बहकाने अथवा प्रलोभन देने पर छह महीने से सात वर्षों तक के कठोर कारावास सहित दंड लागू होगा.
- प्रीवेंशन ऑफ मनी लौन्डरिंग एक्ट-2002 (पीएमएलए) के तहत अपराध की स्थिति में संपत्ति जब्त भी हो सकती है.
- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम-1999 (फेमा) में भी संशोधन किया जायेगा ताकि यदि भारत से बाहर कोई विवादित परिसंपत्ति मौजूद है तो उस पर इस अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सके.
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