केंद्र सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से सबसे अधिक प्रभावित 24 जिलों में ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए कौशल विकास और रोजगार दिलाने की योजना 7 जून 2013 को शुरू की. इस योजना का नाम रोशनी (ROSHNI) है.
रोशनी योजना के प्रावधान:
• योजना के तहत 3 वर्ष में 25 हजार महिलाओं सहित 50 हजार युवाओं को प्रशिक्षण देकर नियुक्तिपत्र दिलवाना है.
• इस योजना के तहत चुने गए युवाओं में कम से कम 50 प्रतिशत महिलाएं होंगी और विशेष रूप से कमजोर वर्गों तथा जनजातीय समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी.
• योजना में 18 से 35 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया है.
• इस योजना के अंतर्गत अग्रिम तीन वर्ष (2013-15) में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बजट से एक सौ करोड़ रूपये खर्च किये जाने का प्रावधान है.
• योजना का 75 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार और 25 प्रतिशत राज्य सरकारों को देने का प्रावधान.
• यह योजना वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित नौ राज्यों- झारखंड, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, बिहार, आन्ध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के 24 जिलों में लागू की जानी है.
• झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले और छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में यह योजना प्रयोग के तौर पर शुरू हो चुकी है.
• चयनित युवकों को 3 महीने से लेकर एक वर्ष की ट्रेनिंग देकर रोजगार में लगाया जाना है.
• यह योजना नक्सली उग्रवाद की समस्या से मुकाबला करने में सहायक होगी.
• यह गरीब गांव वालों के जीवन में नई रोशनी लाने का भी काम करेगी.
• सरकार की कोशिश यह भी रहेगी कि 75 फीसद रोजगार संगठित क्षेत्र में मिले.
राज्य और जिले का नाम जहां रोशनी योजना चलाई जानी है.
• उत्तर प्रदेश- सोनभद्र
• बिहार- जमुई, गया
• झारखंड- चतरा, पलामू, लातेहर, पश्चिम सिंहभूम गुमला, गरवा
• छत्तीसगढ़- बलरामपुर, बीजापुर, सुकमा, कांकेर, नारायणपुर
• ओडिशा- गजपति, कंधमाल, कोरापुट, मलकानगिरी, नुआपाड़ा, रायगढ़
• पश्चिम बंगाल- मिदनापुर पश्चिम महाराष्ट्र- गढ़चिरौली
• मध्य प्रदेश- बालाघाट आंध्र प्रदेश- विशाखापट्टनम
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