विकसित भारतरोजगार और आजीविका गारंटी मिशन (ग्रामीण) यानी VB-G RAM G Bill, 2025 एक नया कानून है, जो मनरेगा (MGNREGA) को निरस्त करने जा रहा है, इस बिल को संसद की मंजूरी मिल गयी है। इसका उद्देश्य केवल मजदूरी देना नहीं, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में टिकाऊ विकास, आजीविका और बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है, ताकि देश को विकसित भारत @2047 के लक्ष्य की ओर ले जाया जा सके।
क्यों लाया गया यह नया बिल:
मनरेगा को एक सुरक्षा-जाल (Safety Net) माना जाता था, जबकि VB-G RAM G को सरकार ने एक मिशन-मोड ग्रामीण विकास योजना के रूप में तैयार किया है। इसका फोकस सिर्फ अस्थायी रोजगार नहीं बल्कि स्थायी, उत्पादक और जलवायु-अनुकूल ग्रामीण परिसंपत्तियों (Assets) का निर्माण करना है।
VB-G RAM G Bill का प्रमुख उद्देश्य
VB-G RAM G Bill चार बड़े लक्ष्यों पर आधारित है:
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सशक्तिकरण (Empowerment)
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विकास (Growth)
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समन्वय (Convergence) अलग-अलग योजनाओं को जोड़ना
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संतृप्ति (Saturation) हर गाँव में बुनियादी सुविधाओं की पूर्णता
मुख्य विशेषताएं (Key Features)
125 दिन का रोजगार गारंटी
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हर ग्रामीण परिवार को 125 दिन का सुनिश्चित मजदूरी-आधारित रोजगार
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यदि 15 दिन में काम नहीं मिला बेरोजगारी भत्ता (राज्य सरकार देगी)
कार्यों के चार प्रमुख क्षेत्र
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जल सुरक्षा (तालाब, जल संरक्षण)
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मुख्य ग्रामीण बुनियादी ढांचा (सड़क, सार्वजनिक संपत्तियां)
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आजीविका से जुड़ा ढांचा (खेती, पशुपालन, ग्रामीण उद्योग)
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जलवायु परिवर्तन व आपदा-रोधी कार्य
इन सभी को मिलाकर National Rural Infrastructure Stack बनाया जाएगा
VB-G RAM G का फुल फॉर्म क्या है?
VB-G RAM G का फुल फॉर्म Viksit Bharat-Guarantee for Rozgar and Ajeevika Mission (Gramin) है. यह नाम हिंदी में विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) के रूप में भी जाना जाता है, जिसे संक्षेप में VB-G RAM G कहा जाता है.
ग्राम पंचायत की भूमिका: VGPP
इस नए बिल के तहत, हर ग्राम पंचायत Viksit Gram Panchayat Plan (VGPP) बनाएगी। ये योजनाएं नीचे से ऊपर (Bottom-up) जाएंगी और इन्हें PM Gati Shakti National Master Plan से जोड़ा जाएगा।
VB – G RAM G (विकसित भारत – जी राम जी) Bill, 2025
— सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (@MIB_Hindi) December 19, 2025
से सृजित होंगे आजीविका के विविध अवसर
इन कार्यों पर रहेगा फ़ोकस
भंडारण
बाज़ार
कौशल विकास केंद्र
कृषि
मत्स्य पालन
पशुपालन
सर्कुलर इकॉनमी मॉडल से जुड़ी उत्पादक परिसंपत्तियां#125_Rozgar_Guarantee pic.twitter.com/G31PAtKcSU
फंडिंग और प्रशासन में बड़ा बदलाव
पहले मनरेगा में केंद्र पूरा मजदूरी खर्च उठाता था, अब राज्य का खर्च बढ़ेगा। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) की फंडिंग व्यवस्था में बदलाव किया गया है। यह योजना अब Centrally Sponsored Scheme (CSS) होगी, जिसमें फंडिंग का अनुपात सामान्य राज्यों के लिए 60:40 (केंद्र:राज्य) रहेगा। हालांकि, पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए यह अनुपात 90:10 होगा। पहले, मनरेगा के तहत मजदूरी का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाती थी, लेकिन इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद राज्यों पर खर्च का बोझ बढ़ेगा।
Normative Allocation
नए बिल में यह प्रावधान किया गया है कि केंद्र हर राज्य के लिए खर्च की एक सीमा तय करेगा, वहीं यदि राज्य इससे ज्यादा खर्च करता है तो पूरा पैसा राज्य को देना होगा।
खेती के मौसम में काम पर रोक
नए बिल में यह प्रावधान किया जा रहा है कि राज्य सरकारें साल में 60 दिन तक पहले से घोषित अवकाश दे सकती हैं. ताकि बुवाई और कटाई के समय मजदूरों की कमी न हो.
टेक्नोलॉजी और पारदर्शिता
नया कानून डिजिटल व्यवस्था को कानूनी रूप देता है:
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बायोमेट्रिक हाजिरी
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जियो-टैगिंग
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मोबाइल ऐप डैशबोर्ड
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AI आधारित निगरानी
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हर हफ्ते पंचायत भवन में सार्वजनिक समीक्षा बैठक
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डिजिटल और भौतिक दोनों रूप में साप्ताहिक खुलासा
MGNREGA बनाम VB-G RAM G
| बिंदु | मनरेगा | VB-G RAM G |
| प्रकृति | अधिकार-आधारित रोजगार | मिशन-आधारित ग्रामीण विकास |
| रोजगार | 100 दिन | 125 दिन |
| फंडिंग | केंद्र का ज्यादा भार | राज्य-केंद्र साझा भार |
| खर्च की सीमा | मांग आधारित | केंद्र तय सीमा |
| मौसमी रोक | नहीं | 60 दिन तक संभव |
| फोकस | मजदूरी | टिकाऊ परिसंपत्तियां |
| टेक्नोलॉजी | सीमित | उन्नत व अनिवार्य |
बिल के समर्थन में क्या है तर्क
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ज्यादा रोजगार दिन
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बेहतर परिसंपत्तियां
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तकनीक से पारदर्शिता
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ग्रामीण विकास को नई दिशा
आलोचनाएं
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राज्यों पर अधिक वित्तीय बोझ
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अधिकार-आधारित भावना कमजोर
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केंद्र द्वारा खर्च सीमा तय करना
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“महात्मा गांधी” नाम हटाने पर राजनीतिक आपत्ति
VB-G RAM G Bill, 2025 मनरेगा से एक बड़ा वैचारिक बदलाव है, जहाँ रोजगार को अब ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता से जोड़ा गया है। यह योजना सफल होगी या नहीं, यह काफी हद तक राज्यों की वित्तीय क्षमता और क्रियान्वयन पर निर्भर करेगा।
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