22 सितंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (आईएसएलआरटीसी) की स्थापना को मंजूरी दे दी.
यह एक राष्ट्रीय स्तर का संस्थान होगा, जो 50 लाख (5 मिलियन) बधिरों के शिक्षा के स्तर, कार्यस्थल और अन्य गतिविधियों में मानवीय जीवन को अधिक सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा.
आईएसएलआरटीसी की स्थापना सोसायटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के तहत एक सोसायटी के तौर पर की जाएगी. यह केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के विकलांग सशक्तिकरण विभाग के अधीन कार्य करेगा.
शुरुआत में संस्थान इंस्टीट्यूट फॉर फिजिकली हैंडिकैप्ड, नई दिल्ली से संचालित किया जाएगा.
आईएसएलआरटीसी की संरचना
केंद्र एक सोसायटी होगा, जिसमें एक अध्यक्ष, सामान्य परिषद में 12 सदस्य होंगे. कार्यकारी परिषद में एक अध्यक्ष और नौ सदस्य होंगे. संस्थान बधिरों के लिए विश्वविद्यालयों या अकादमिक संस्थानों के राष्ट्रीय– स्तर के सोसायटियों के कुछ भूतपूर्व अधिकारियों को बतौर विशेषज्ञ भी शामिल करेगा.
आईएसएलआरटीसी का फोकस क्षेत्र
संस्थान संकेत भाषा दुभाषियों, अनुसंधान और विकास एवं नई प्रौद्योगिकी के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation