कोच्चि, केरल : 8-9 नवंबर 2013 को आयोजित होने वाले विश्व आर्थिक मंच (इंडिया चैप्टर) के 29वें वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी कोच्चि को दी गई.
केरल के व्यावसायिक केन्द्र कोच्चि को विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) के 29वें वार्षिक सम्मेलन की मेजबानी प्रदान की गई. केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने इसकी घोषणा 18 जून 2013 की.
इससे पहले विश्व आर्थिक मंच के 27 सम्मेलन नई दिल्ली और एक बार मुंबई में आयोजित किया गया है. यह पहला मौका है जब इस सम्मेलन का आयोजन दक्षिण भारत में आयोजित होना निर्धारित है.
विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum)
विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) जिनेवा स्थित एक गैर सरकारी संगठन है. इसकी स्थापना वर्ष 1971 में क्लॉस एम श्वाब ने की थी. इसमें विश्व भर के शीर्ष व्यापार नेता, अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक नेता और पत्रकार विश्व के समक्ष वर्तमान चुनौतियों पर विचार करते हैं. इन समस्याओं में स्वास्थ्य, पर्यावरण जैसे मुद्दे प्रमुख हैं. इन मुद्दों पर गहन मंत्रणा किया जाता है और उनका समाधान तलाशने की कोशिश की जाती है. पहले इस संगठन का नाम यूरोपियन मैनेजमेंट फोरम था, लेकिन वर्ष 1987 के बाद इसका नाम बदलकर विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) रख दिया गया. यह स्वायत्त और गैर-लाभ संस्था है और किसी राष्ट्र विशेष के हितों से जुड़ी नहीं है. इस फोरम का मिशन विश्व के हालात में सुधार के प्रति कटिबद्धता है. वर्ष 2006 में विश्व आर्थिक मंच ने अपने कार्यालय चीन के बीजिंग शहर और अमेरिका के न्यूयॉर्क तथा जापान की राजधानी टोक्यो में खोले थे. फोरम की प्रत्येक वर्ष बैठक दावोस में जनवरी के अंत में होती है. इसके साथ ही प्रत्येक वर्ष में 10 क्षेत्रीय बैठकें भी आयोजित की जाती हैं. इस फोरम की तीन शासकीय बॉडी हैं- फाउंडेशन बोर्ड फोरम, इंटरनेशनल बिजनेस काउंसिल और मैनेजिंग बोर्ड.
• फाउंडेशन बोर्ड फोरम- दीर्घकालिक लक्ष्यों और उद्देश्यों को तय करता है. यह निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के नेताओं से मिलकर बनता है.
• अंतरराष्ट्रीय व्यापार परिषद (इंटरनेशनल बिजनेस काउंसिल)-जो कि बॉडी की सलाहकार समिति के रूप में काम करता है.
• प्रबंधन बोर्ड (मैनेजिंग बोर्ड)- आंतरिक प्रबंधन (इन-हाउस मैनेजमेंट) टीम होती है जो कि फोरम के संसाधनों को देखने का काम करती है.
विदित हो कि विश्व आर्थिक मंच (WEF), जी-8, विश्व बैंक, डब्ल्यूटीओ, आईएमएफ को वर्ष 1990 के अंत में एंटी-ग्लोबलाइजेशन कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा था.
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