गरीबी मापन प्रणाली की समीक्षा हेतु गठित विशेषज्ञ समूह ने अपना प्रतिवेदन योजना आयोग को सौंपा

Jul 8, 2014, 15:44 IST

गरीबी मापन प्रणाली की समीक्षा हेतु सी. रंगराजन की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समूह ने अपना प्रतिवेदन योजना आयोग को जुलाई 2014 के प्रथम सप्ताह में सौंपा.

सी. रंगराजनगरीबी मापन प्रणाली की समीक्षा हेतु सी. रंगराजन की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समूह ने अपना प्रतिवेदन (रिपोर्ट) योजना आयोग को जुलाई 2014 के प्रथम सप्ताह में सौंपा.

रंगराजन समिति ने अपनी रिपोर्ट में गरीबी मापन के लिए राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) के उपभोग व्यय अनुमानों को आधार बनाया, जिसके आधार पर भारत में गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों की संख्या 36.3 करोड़ (कुल आबादी का 29.6 प्रतिशत) है. यह आकड़ा पूर्ववर्ती सुरेश तेंदुलकर समिति के द्वारा दिये गये आकड़े 26.98 करोड़ (कुल आबादी का 21.9 प्रतिशत) की अपेक्षा अधिक है.

सी. रंगराजन विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

•    शहरी इलाकों में गरीबी हेतु व्यय सीमा रुपये 47 प्रति व्यक्ति प्रतिदिन निर्धारित की गयी जबकि ग्रामीण इलाकों में यह सीमा रुपये 32 प्रति व्यक्ति प्रतिदिन रखी गयी.

•    प्रति परिवार औसत मासिक व्यय की सीमा शहरी इलाकों हेतु रुपये 1407 तथा ग्रामीण इलाकों हेतु रुपये 972 निर्धारित की गयी.

•    पांच व्यक्तियों के परिवारों हेतु राष्ट्रीय स्तर पर गरीबी रेखा के आकड़े वर्ष 2011-12 में शहरी इलाकों हेतु रुपये 7035 मासिक तथा ग्रामीण इलाकों हेतु रुपये 4760 मासिक था.

•    वर्ष 2011-12 में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों की संख्या का प्रतिशत शहरी इलाकों में 26.4 तथा ग्रामीण इलाकों में 30.95 प्रतिशत था.

•    रंगराजन समिति के अनुसार, वर्ष 2011-12 में वर्ष 2009-10 की तुलना में 9.16 करोड़ लोग गरीबी रेखा के स्तर से उपर निकले थे और वर्ष वर्ष 2009-10 में यह आकड़ा 45.46 करोड़ लोग गरीबी रेखा के नीचे थे.

•    रंगराजन समिति की गरीबी मापन प्रणाली के आधार पर वर्ष 2009-10 में पिछले दो वर्षों की तुलना में गरीबी 8.7 प्रतिशत कम हुई जबकि तेंदुलकर समिति की प्रणाली के आधार पर यह आकड़ा 7.9 प्रतिशत था.

•    गरीबी मापन हेतु रंगराजन की प्रणाली के अनुसार वर्ष 2009-10 में गरीबी दर 8.7 प्रतिशत गिरा, जबकि तेंदुलकर द्वारा सुझायी गयी प्रणाली के तहत यह 7.9 प्रतिशत था.

•    पूरे देश में वर्ष 2004-05 में शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले लोगों के प्रतिशत का अनुपात क्रमश: 27.7 प्रतिशत तथा 41.8 प्रतिशत था, जबकि इसी वर्ष में पूरे देश का आकड़ा 37.2 प्रतिशत था. ये आकड़े वर्ष 1993-94 में क्रमश: 31.8 प्रतिशत और 50.1 प्रतिशत थे, जबकि पूरे देश का आकड़ा 45.3 प्रतिशत था.

गरीबी अनुमानों की तुलना - वर्ष 2009-10 एवं वर्ष 2011-12 के मध्य

वर्ष

गरीबी अनुपात

गरीबी रेखा नीचे रहने वालों की संख्या (मिलियन)

ग्रामीण

शहरी

योग

ग्रामीण

शहरी

योग

विशेषज्ञ समूह (रंगराजन)

1. 2009-10

39.6

35.1

38.2

325.9

128.7

454.6

2. 2011-12

30.9

26.4

29.5

260.5

102.5

363.0

3. ह्रास

(% आकड़े)

8.7

8.7

8.7

65.4

26.2

91.6

विशेषज्ञ समूह (तेंदुलकर)

1. 2009-10

33.8

20.9

29.8

278.2

76.5

354.7

2. 2011-12

25.7

13.7

21.9

216.7

53.1

269.8

3. ह्रास

(% आकड़े)

8.1

7.2

7.9

61.5

23.4

84.9

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