ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) और दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के मध्य एक ऋण करार पर कोलकाता में 24 जुलाई 2013 को हस्ताक्षर किए गए. पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिले के रघुनाथपुर में पहले 2x660 मेगावाट का सुपर क्रिटीकल थर्मल पावर इकाई स्थापित करने के लिए ऋण प्रदान करने हेतु यह करार किया गया.
इसके तहत ग्रामीण विद्युतीकरण निगम द्वारा 6362 करोड़ रूपए का ऋण प्रदान किया जाना है. ये इकाइयां दामोदर घाटी निगम के रघुनाथपुर चरण-II विस्तार कार्यक्रम के भाग के रूप में होगी.
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी)
आरईसी भारत के विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय क्षेत्र का एक नवरत्न उद्यम है, जिसे कंपनी अधिनियम-1956 के तहत 25 जुलाई 1969 को स्थापित किया गया था. इसका उद्देश्यय पूरे देश में ग्रामीण विद्युतीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देना है. यह राज्य बिजली बोर्ड, राज्य सरकारों के विद्युत विभागों और सहकारी समितियों को उनके द्वारा प्रायोजित ग्रामीण विद्युतीकरण हेतु वित्तपोषित करता है. आरईसी राज्य बिजली बोर्ड/राज्य विद्युत यूटिलिटियों को विद्युतीकरण योजनाओं में निवेश करने हेतु ऋण सहायता प्रदान करता है. ऋण सहायता प्रदान करने का कार्य नई दिल्ली में स्थित कारपोरेट कार्यालय और यूनिट (आंचलिक कार्यालयों), जो अधिकांश राज्यों में स्थित हैं, के माध्यम से किया जाता है.
दामोदर घाटी निगम (डीवीसी)
डीवीसी भारत का थर्मल और हाइड्रो पावर पैदा करने का सार्वजनिक संगठन है. दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) का गठन दामोदर घाटी निगम अधिनियम-1948 के अंतर्गत किया गया. दामोदर घाटी निगम (DVC) भारत की बहूद्देश्यीय नदी घाटी परियोजना है. निगम 7 जुलाई 1948 को स्वतंत्र भारत की प्रथम बहूद्देशीय नदी घाटी परियोजना के रूप में अस्तित्व में आया. दामोदर घाटी निगम नवीनतम प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए प्रमुख उद्योगों को उचित दर पर विद्युत की आपूर्ति करता है.
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