अमेरिका ने चीन के करीब 12000 कर्मचारियों को हॉल ऑफ ऑनर में शामिल करने की घोषणा 7 मई 2014 को की. यह सम्मान वर्ष 1865 से 1869 के बीच ट्रांस– प्रशांत रेलमार्ग निर्माण के मद्देनजर दिया जा रहा है. वर्ष 1988 में शुरु होने के बाद यह पहली बार है जब एशियाई– अमेरिकियों को इस प्रकार का कोई सम्मान दिया जाना है.
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मई 2014 को एशियाई– अमेरिकी और प्रशांत द्वीप विरासत माह घोषित किया. ट्रांस– महाद्वीपीय रेलमार्ग का निर्माण 10 मई 1869 को पूरा होने के कारण ही मई माह को चुना गया. एएपीआई विरासत माह 2014 का राष्ट्रीय विषय– आई एम बिऑन्ड, रखा गया.
एशियाई अमेरिकी और प्रशांत द्वीप समुदाय (एएपीआई) के बारे में
एएपीआई विभिन्न संस्कृतियों और सैंकड़ों भाषाओं एवं बोलियों का प्रतिनिधित्व करता है. एशियाई अमेरिकी मूल के लोगों में एक या एक से अधिक 28 एशियाई देशों के मूल वाले अमेरिकी नागरिक होते हैं. प्रशांत द्वीपवासी मूल रूप से हवाई द्वीप और अन्य द्वीपों के मूल निवासी हैं जो अमेरिका द्वारा संरक्षित गुआम, अमेरिकी सामोन और उत्तरी मारियाना या 19 प्रशांत द्वीपीय देशों के मूल वाले राष्ट्रमंडल देशों में रहते हैं.
आज अमेरिका में करीब 12 मिलियन एएपीआई लोग रहते हैं या इनकी संख्या वहां कि कुल आबादी का 5 फीसदी है. वर्ष 2020 तक एएआईपी की जनसंख्या 20 मिलियन हो जाने की उम्मीद है और 2050 तक हर दस में से एक अमेरिकी नागरिक एशियाई या प्रशांत द्वीप वंश (38 मिलियन) का होगा.
70 फीसदी एएपीआई (पहली पीढ़ी) आप्रवासी और/या शरणार्थी हैं. विदेश में जन्मे अमेरिकी आबादी में फिलिपींस, चीन और वियतनाम दस प्रमुख देशों में शामिल थे. एक अनुमान के मुताबिक 40– 50 फीसदी एएपीआई अंग्रेजी में प्रवीण हैं.
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