चीन की राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा ने 27 दिसंबर 2015 को देश का पहला आतंकवाद विरोधी कानून पारित किया. इसे चीन की राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की 12वीं राष्ट्रीय कमेटी के 18वें पूर्णाधिवेशन में पारित किया गया.
गौरतलब है कि सुरक्षा एजेंसियों को अतिरिक्त शक्ति दिए जाने वाले इस कानून के प्रभाव में आने से पहले देश में अत्यधिक प्रदर्शन हुए. चीन के 36वें राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा इस अधिनियम पर हस्ताक्षर करने पर यह कानून के रूप में प्रभाव में आया.
नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनपीसी) की स्थायी समिति के 159 सदस्यों ने सहमति से मसौदा कानून स्वीकार कर लिया. इसे सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने मंजूरी दी थी. नए कानून ने विदेशों में आतंकवाद रोधी अभियानों में पीपल्स लिबरेशन आर्मी के भाग लेने को वैध बनाया है.
चीनी आतंकवाद रोधी कानून
• इसके अनुसार पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और देश के सशस्त्र पुलिस बल केंद्रीय सैन्य आयोग की मंजूरी के साथ आतंकवाद रोधी अभियान चला सकते हैं.
• यह कानून चीन सहित तिब्बत पर भी लागू होगा.
• लोक सुरक्षा एवं राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी भी विदेशों में आतंकवाद रोधी अभियान के लिए सैनिकों को भेज सकते हैं.
• यह कानून सुरक्षा एजेंसियों को अत्यधिक शक्तियां देता है.
• चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, नया कानून चीन और दुनिया के लिए ऐसे संवेदनशील समय में आया है जब पेरिस में आतंकवादी हमले, मिस्र के ऊपर रूस के एक यात्री विमान पर बम से निशाना और इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह द्वारा बंधकों की हत्याओं के मामले दुनिया को आतंकवाद के बढ़ते खतरे के बारे में चौकन्ना किया है.
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