चीन ने पुरुषों के यौन उत्पीड़न को अपराध घोषित किया है, इसे 31 अक्टूबर 2015 से प्रभावी माना जाएगा. इस विषय में, अगस्त 2015 में नेशनल पीपुल्स कांग्रेस, देश के केंद्रीय विधायिका, ने कानून पारित किया था.
संशोधन के अनुसार, पुरुषों या महिलाओं पर होने वाले यौन अत्याचार के लिए न्यूनतम पांच वर्ष कारावास की सज़ा तय की गयी है.
इससे पहले, पुरुषों से साथ इस प्रकार के अत्याचार की सज़ा केवल 12 माह कारावास थी.
आपराधिक कानूनों में संशोधन, देश में बढ़ रहे समलैंगिक संबंधों एवं यौन उत्पीड़न के मामलों के कारण आवश्यक था.
सरकारी समाचार पत्र ‘ग्लोबल टाइम्स ऑफ़ पीपल्स डेली’ द्वारा कराये गये सर्वेक्षण में पाया गया कि देश में गे एवं लेस्बियन संबंध तेज़ी से बढ़ रहे हैं.
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