मॉरिशस की संसद को 6 अक्टूबर 2014 को भंग कर दिया गया ताकि चुनावों का रास्ता साफ हो जो कि देश के संविधान में परिवर्तन कर सकता है. सत्तारूढ़ लेबर पार्टी राष्ट्रपति (मोटे तौर पर अब औपचारिक स्थिति) और प्रधानमंत्री के बीच शक्तियों का बंटवारा चाहती है और इसके लिए संविधान में कुछ परिवर्तन करने होंगे.
अपने एक वक्तव्य में नेशनल असेंबली ने कहा है कि मॉरिशस के राष्ट्रपति कैलाश पुर्रयग ने संसद के भंग किए जाने की घोषणा की. समझौते के मुताबिक जो भी जीतेगा वह राष्ट्रपति के सीधे चुनाव के लिए संविधान में संशोधन हेतु बिल पेश करेगा.
अब चुनाव कराने के लिए मॉरिशस के पास सिर्फ छह महीने का समय है लेकिन कई राजनेताओं का सुझाव है कि चुनाव जितनी जल्दी हो सके करा लिए जाएं. यह विघटन लेबर पार्टी के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम और प्रमुख विपक्षी मूवमेंट मिलिटेंट मॉरिशियन पार्टी (एमएमएम) के बीच हुए चुनावी समझौते के तहत हुआ है.
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