जर्मनी संघीय गणराज्य के चांसलर एंजेला मर्केल 4-6 अक्टूबर, 2015 के बीच भारत की आधिकारिक यात्रा पर रहीं.
प्रधानमंत्री मोदी और चांसलर मार्केल ने रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास और कृषि के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने सहित आपसी हित के मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर विचार-विमर्श किया.
उल्लेखनीय है कि भारत में नई सरकार के गठन के पश्चात यह उनकी पहली भारत यात्रा है. इससे पूर्व उन्होंने वर्ष 2007 में एवं वर्ष 2011 में भारत का दौरा किया था. जर्मनी द्विपक्षीय एवं वैश्विक दोनों संदर्भों में भारत के सबसे महत्वपूर्ण साझेदारों में से एक है.
जर्मनी संघीय गणराज्य के चांसलर एंजेला मर्केल के भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान आयोजित महत्वपूर्ण कार्यक्रम:
- 5 अक्टूबर, 2015 को अपनी यात्रा के दौरान जर्मन चांसलर एंजिला मर्केल ने नई दिल्ली में आयोजित भारत और जर्मनी के बीच तीसरे अंतर-सरकारी परामर्श (IGC) बैठक में भाग लिया. दोनों नेता भारत की बढ़ती ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं के लिए जलवायु अनुकूल, दक्ष तथा संपोषणीय समाधानों का विकास करने के साझे लक्ष्य की दिशा में सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हुए. इससे पूर्व पहले तथा दूसरे अंतर सरकारी परामर्श बैठकें क्रमशः वर्ष 2011 में नई दिल्ली में तथा वर्ष 2013 में बर्लिन में आयोजित हुई थी
- इंडो-जर्मन शिखर सम्मेलन 6 अक्टूबर 2015 को बेंगलुरू में आयोजित किया गया.
- भारत की यात्रा पर आयीं जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दोनों देशों के आपसी व्यापार व रणनीतिक सहयोग के 18 क्षेत्रों में एमओयू-सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए.
- प्रधानमंत्री और चांसलर एंजेला मार्केल ने बेंगलुरु में स्थित जर्मन ऑटोमोटिव प्रमुख बॉश इंजीनियरिंग और नवाचार केंद्र का दौरा किया.
- भारत सरकार एवं फेडरल रिपब्लिक ऑफ़ जर्मनी (केएफडब्ल्यू) ने 5 अक्टूबर 2015 को 125 मिलियन यूरो के दो समझौतों पर हस्ताक्षर किये. इन समझौतों का उद्देश्य हरित उर्जा कॉरिडोर कार्यक्रम को वित्तीय सहायता प्रदान करना है. यह दो परियोजनाएं हिमाचल प्रदेश एवं आंध्र प्रदेश में कार्यान्वित की जायेंगी. दोनों नेताओं ने ‘हरित ऊर्जा कोरिडोर’ परियोजना के सफल कार्यान्वयन पर संतोष व्यक्त किया, जिसका विस्तार 400 मिलियन यूरो से किया गया.
भारत और जर्मनी वर्ष 2001 से रणनीतिक भागीदार हैं. जर्मनी भारत में यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत में सातवां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है.
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