उत्तराखंड की (भारत) जुड़वां बहनें ताशी और नुगशी माउंट एवरेस्ट की चोटी पर 19 मई 2013 को पहुंची. यह पहला अवसर है जब जुड़वा बहनों ने एक साथ यह उपलब्धि हासिल की. पाकिस्तान की मिर्जा अली और समीना बेग भी इनके साथ थे. ताशी और नुगशी उत्तराखंड के कुटालवाली जोहड़ी गांव की निवासी हैं.
इनके पिता वीरेंद्र सिंह मलिक सेना के सेवानिवृत कर्नल हैं. इनका अभियान 8 मार्च 2013 को शुरू हुआ. इनके दल ने दस मार्च 2013 को पोखरा (नेपाल) में कैंप किया. यहां दो सप्ताह तक ट्रैकिंग अभ्यास करने के बाद दल 22 मार्च 2013 को काठमांडू पहुंचा. काठमांडू से 3 अप्रैल 2013 को नेपाल में भारत के राजदूत जयंत प्रकाश ने दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. आठ दिन लगातार ट्रैकिंग करते हुए इन्होंने 11 अप्रैल को लगभग 18 हजार फुट पर एवरेस्ट के बेस कैंप पर रुके.
विदित हो कि इससे पहले ताशी व नुंग्शी जनवरी 2012 में अफ्रीका की सबसे ऊंची पर्वतचोटी किलीमंजारो को फतह कर चुकी हैं. उत्तराखंड से इससे पहले बछेंद्री पाल, सुमनलता कुटियाल, सविता मर्तोलिया और कविता बुढ़ाठोकी एवरेस्ट शिखर पर पहुंच चुकी हैं.
एडमंड हिलेरी (Edmund Hillary) और तेनसिंह नार्गे (Tenzing Norgay) पहली बार 29 मई 1963 को माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़े थे. माउंट एवरेस्ट की चोटी विश्व की सबसे ऊंची चोटी है. इसकी उंचाई 8848 मीटर है.
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