दिल्ली सरकार ने 3 निजी बिजली वितरण कंपनियों के खिलाफ भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा ऑडिट कराने के आदेश 1 जनवरी 2014 को दिए. कैग के द्वारा ऑडिट कराने का फैसला नई दिल्ली में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में किया गया था.
यह आदेश दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग द्वारा जारी किया गया और कैग के शशि कांत शर्मा को 2 जनवरी 2014 को भेज दिया गया.
दिल्ली सरकार ने बीएसईएस यमुना पावर लिमिटेड, बीएसईएस राजधानी पावर लिमिटेड और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड को 2 दिसंबर 2014 तक का समय दिया है कि वे बता सकें कि उनके खिलाफ सीएजी ऑडिट क्यों नहीं होना चाहिए. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कैग ऑडिट कराने के कई कारण बताए लेकिन इसे न कराने के एक भी कारण नहीं बताए.
अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि बिजली के मीटरों की गुणवत्ता में सुधार लाने के उन्होंने आईआईटी दिल्ली और दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सुझाव मांगे हैं.
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