भारतीय सूचना सेवा की पूर्व अधिकारी दीपक संधु को मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त किया गया. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 5 सितंबर 2013 को राष्ट्रपति भवन में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी. इसी के साथ ही दीपक संधु मुख्य सूचना आयुक्त बनने वाली पहली महिला बन गईं. दीपक संधु ने 4 सितंबर 2013 को सेवानिवृत हुए सत्यानन्द मिश्र का स्थान लिया. मुख्य सूचना आयुक्त का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है.
दीपक संधु से सम्बंधित तथ्य
वह वर्ष 1971 बैच की भारतीय सूचना सेवा की अधिकारी हैं. मुख्य सूचना आयुक्त नियुक्त होने से पहले वह प्रधानमंत्री की मीडिया सलाहकार और पत्र सूचना कार्यालय में प्रधान महानिदेशक भी रहीं. दीपक संधू डीडी न्यूज की महानिदेशक और वर्ष 2009 में सूचना आयुक्त बनने से पहले ऑल इंडिया रेडियो (न्यूज) की महानिदेशक थीं. कान, बर्लिन, वेनिस और टोक्यो में अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों, रूस के ग्लेनझीक और साइप्रस में आतंकवाद एवं इलेक्ट्रानिक मास मीडिया पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के अलावा अटलांटा, अमेरिका एवं बीजिंग में समाचार प्रमुखों के सम्मेलन में वह देश का प्रतिनिधित्व किया.
केन्द्रीय सूचना आयोग
केन्द्रीय सूचना आयोग का गठन वर्ष 2005 में किया गया था. भारत सरकार ने अपने नागरिकों के जीवन को सहज, सुचारु रखने और देश को पूरी तरह लोकतांत्रिक बनाने एवं सरकारी पारदर्शिता के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 स्थापित किया था.
सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 में नागरिकों के अनुरोध पर समय से सरकारी सूचना का उत्तर देने का अधिदेश दिया गया है. यह प्रथम अपीलीय प्राधिकारियों, लोक सूचना अधिकारियों आदि द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरणों के संबंध में शीघ्र जानकारी प्राप्त करने के लिए नागरिकों को आर.टी.आई. पोर्टल प्रदान करने तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के अतंर्गत आने वाले विभिन्न लोक प्राधिकारियों द्वारा वेब पर प्रकाशित सूचना के अधिकार से जुडी़ जानकारी /प्रकटन के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय द्वारा की गई एक पहल है.
"राइट टू इन्फॉरमेशन" (आरटीआई) का अर्थ है- 'सूचना का अधिकार' और इसे संविधान के अनुच्छेद 19 (1) के तहत एक मूलभूत अधिकार का दर्जा दिया गया है. आरटीआई के तहत हर नागरिक को यह जानने का अधिकार है कि सरकार कैसे कार्य करती है.
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