स्विट्जरलैंड स्थित ‘वर्ल्ड वाइड फंड’ (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) द्वारा 29 जुलाई 2014 को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में दुनियाभर के जंगलों में सिर्फ 3200 बाघ बचे हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार, 100 वर्ष पहले दुनियाभर के जंगलों में 100000 बाघ हुआ करते थे.
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने इस रिपोर्ट को जारी करने के साथ ही बाघों के बहुलता वाले 13 देशों- भारत, बांग्लादेश, भूटान, चीन, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम द्वारा बाघ संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों में मदद करने की पेशकश भी की. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने अपनी इस रिपोर्ट में यह चेतावनी भी दी है कि, शिकार और आवास की समस्या के कारण एशियाई बाघ वनों से विलुप्त हो सकते हैं, यदि इस दिशा में सुधार हेतु आवश्यक कदम न उठाये गए.
इस रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी 2000 से लेकर अप्रैल 2014 के बीच पूरे एशिया में कम से कम 1590 बाघों के अंग जब्त किए गए, जिन्हें पारंपरिक औषधियों में लिए मारा गया था. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के रिपोर्ट में यह माना गया है कि भारत, नेपाल और रूस के जंगलों में मौजूद बाघों के आंकड़े तो उसके पास हैं, लेकिन म्यांमार, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया और थाईलैंड का सम्पूर्ण आंकड़ा उपलब्ध नहीं हैं.
विदित हो कि स्विट्जरलैंड स्थित वर्ल्ड वाइड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) पर्यावरणवाद एवं पारिस्थितिकी संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संस्था है. इसकी स्थापना वर्ष 1961 में हुई.
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