16 सितंबर 2015 को भारत और कंबोडिया ने पर्यटन और मेकॉन्ग– गंगा सहयोग पहल पर दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इन समझौतों पर भारत के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन की उपस्थिति में नोम पेन्ह के पीस पैलेस में हस्ताक्षर किए गए.
उपराष्ट्रपति अंसारी 15 सितंबर से 17 सितंबर 2015 तक कंबोडिया के तीन दिवसीय दौरे पर थे.
एक तरफ पर्यटन समझौता दोनों देशों के बीच पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है तो दूसरी तरफ मेकॉन्ग–गंगा भारत द्वारा किए जाने वाले पांच त्वरित प्रभाव परियोजनाओं से संबंधित है.
ये परियोजनाएं हैं-
साल 21004 से अस्तित्व में रहने वाले आंत्रप्रेन्योरशिप विकास केंद्र के उन्नयन के लिए कंबोडियो को 50000 अमेरिकी डॉलर का अनुदान
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में दो परियोजनाएं, खासकर मलेरिया से संबंधित
एक कृषि परियोजना
एक महिला सशक्तिकरण परियोजना
इसके अलावा दोनों पक्षों ने व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने की संभावनाओं पर भी चर्चा की और द्विपक्षीय निवेश संरक्षण समझौते पर जल्द–से–जल्द हस्ताक्षर किए जाने पर सहमति जताई.
मेकॉन्ग–गंगा सहयोग पहल
मेकॉन्ग– गंगा सहयोग (एमजीसी) की स्थापना साल 2000 में वियतनाम, लाओस में पहले एमजीसी मंत्रीस्तरीय बैठक में हुई थी. इसमें छह सदस्य देश– भारत, थाईलैंड, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम, थे.
गंगा और मेकॉन्ग नदियों से एमजीसी नाम पड़ा था.
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