भारतीय पारिस्थितिकी वैज्ञानिक माधव गाडगिल और अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ जेन ल्युब्चेंको को 23 मार्च 2015 को पर्यावरण उपलब्धि के लिए 2015 के टायलर पुरस्कार के लिए नामित किया गया.
उन्हें यह पुरस्कार संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता की नीतियों के विकास में उनके नेतृत्व के लिए दिया गया.
टायलर पुरस्कार के विजेता के रूप में ल्युब्चेंको और गाडगिल को साझा रूप से 2लाख डॉलर का नकद पुरस्कार और दोनों को स्वर्ण पदक दिया जाएगा. इस पुरस्कार से उन्हें 4 अप्रैल 2015 को बेवर्ली हिल्स, लॉस एंजिल्स में सम्मानित किया जाएगा.
माधव गाडगिल इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले दूसरे भारतीय हैं इनसे पहले एमएस स्वामीनाथन को यह पुरस्कार 1991 में प्रदान किया गया था. स्वामीनाथन को यह पुरस्कार भारत में फसलों की पैदावार में सुधार लाने में उनके योगदान के लिए दिया गया था .
पारिस्थितिकी वैज्ञानिक माधव गाडगिल पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल (डब्लूजीईईपी) के अध्यक्ष रहे हैं. पश्चिमी घाट के पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण और उसमे स्थानीय समितियों को शामिल किए जाने पर उनकी ऐतिहासिक रिपोर्ट के लिए उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है.
डॉ ल्युब्चेंको ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी में समुद्री अध्ययन में एक प्रतिष्ठित प्रवक्ता और सलाहकार हैं. उन्हें यह पुरस्कार 2009 से 2013 के दौरान राष्ट्रीय समुद्रीय और वायुमंडलीय प्रशासन(एनओएए) के प्रशासक के रूप में समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए प्रदान किया जा रहा है.
टायलर पुरस्कार के बारे में
टायलर पुरस्कार 1973 में स्थापित किया गया था. टायलर पुरस्कार प्रत्येक वर्ष दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के समर्थन से अंतर्राष्ट्रीय टायलर पुरस्कार कार्यकारी समिति द्वारा प्रदान किया जाता है.
यह पुरस्कार पर्यावरण विज्ञान और नीति में असाधारण दूरदर्शिता और समर्पण के लिए प्रदान किया जाता है. इस पुरस्कार के संस्थापक जॉन और ऐलिस टायलर थे .
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