केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (एमओईएफ) ने 4 दिसंबर 2014 को मुंबई तट से दूर अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा और स्मारक के निर्माण के लिए अपनी मंजूरी दी.
यह परियोजना पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील है. यह किसी भी प्रकार से पर्यावरण के नुकसान का कारण नहीं बने यह सुनिश्चित करने के लिए लगभग 2000 करोड़ रुपए खर्च करने का सरकार द्वारा निर्णय किया गया.
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
• प्रस्ताव के अंतर्गत स्मारक राजभवन से 1.5 किमी पर दूर एक चट्टान पर खड़ा किया जायेगा जिसमें 190 फुट की मूर्ति भी शामिल है. योजना के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल 15.96 हेक्टेयर प्रस्तावित है.
• योजना में संग्रहालयों, कला दीर्घाओं और मनोरंजन केन्द्रों के साथ आसन के तीन स्तर प्रस्तावित है.
• गेटवे ऑफ इंडिया और नरीमन प्वाइंट से प्रस्तावित नौका परिवहन व्यवस्था भी इस योजना में प्रस्तावित है.
• इस योजना के अंतर्गत ग्रेनाइट के पत्थर के साथ कंक्रीट की कुर्सी का भी निर्माण किया जायेगा.
पृष्ठभूमि
जनवरी 2014 में महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (MCZMA) ने अरब सागर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा और स्मारक स्थापित करने का प्रस्ताव कोस्टलरेगुलेशनजोन (CRZ) अधिसूचना 2011 के तहत एक विशेष व्यवस्था के अंतर्गत विचार करने के लिए पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पास भेजा था. इसने राज्य स्तर पर योजना बनाने के अधिकार को देने के लिए कोस्टल रेगुलेशन जोन (CRZ) 2011 के तहत महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण को अधिकार सौंपने के लिए मंत्रालय से इस सम्बन्ध में भी पूछा था.
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