16 जून 2015 को खगोलविदों की एक टीम ने पहले से अज्ञात मेडुसा मर्जर में चरम तारा गठन ( एक्स्ट्रीम स्टार फॉर्मेशन) आई ऑफ मेडुसा, दो आकाशगंगाओं की जबरदस्त टक्कर को पृथ्वी से 100 मिलियन प्रकाश वर्ष से अधिक पाया.
यह शोध इंस्टीट्यूट डी रेडियोस्ट्रोनॉमी मिल्लिमेट्रिक (आईआरएएम) ने उत्तरी गोलार्ध के सबसे शक्तिशाली मिलीमीटर रेडियो टेलिस्कोप एनओईएमए (नदर्न एक्सटेंडेड मिलिमीटर ऐरे) का इस्तेमाल कर किया है.एनओईएमए ने मेडुसा मर्जर का अनोखा और शानदार दृश्य दिखा कर खगोलीय छवि का अनावरण किया.
इस शोध ने मेडुसा मर्जर के केंद्रीय गैस से समृद्ध क्षेत्र, आई ऑफ मेडुसा के केंद्र में हाल ही में बने समृद्ध तारों के क्षेत्र ( करीब 500 प्रकाश वर्ष भर में) के बारे में बताया है.साबीइन कोइंग के नेतृत्व में आईआरएएम की टीम ने एनओईएमए एंटीनाओं को घुमाकर हाइड्रोजन सायनायड (HCN) और फॉर्मिलियम (HCO+) अणुओं का पता लगाने के लिए नए तरीके को खोजने की कोशिश की.
इस खोज से पता चलता है कि तारों के विकास की जांच उसके बनने के चरणों में की जा सकती है, जो फिलहाल कार्बन मोनोऑक्साइड का पता लगा कर नहीं ज्ञात किया जा सकता. आई में पाया गया एक्स्ट्रीम आई फॉर्मेशन बताता है कि पहले की सोच से कहीं अधिक जटिल रसायनिक योग का अस्तित्व मौजूद है.
पिहले की वेधशालाओं ने मेडुसा मर्जर का मैप बनाया था लेकिन किसी ने भी अब तक आई में उच्च–घनत्व वाले गैस की मौजूदगी नहीं बताई थी. इस नई खोज ने न सिर्फ इसकी मौजूदगी को साबित किया है बल्कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति के बारे में समझ को भी बढ़ाएगा.
मेडुसा (NGC 4194) करीबी आकाशगंगा है जिसका विलय की अशांत अपस्थिति और तारों के बनने के सबूतों के साथ बहुत अच्छे से अध्ययन किया गया है.यह छोटे से विलय के छोटी आकाशगंगा से विलय– प्रेरित तारा बनने के योगदान का अध्ययन करने की दिशा में आदर्श साबित होगा.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation