पूर्व राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार डीसी प्रशांत का जम्मू-कश्मीर में उनके निवास पर 28 अगस्त 2013 को निधन हो गया. वह 96 वर्ष के थे और काफी समय से बीमार थे.
डीसी प्रशांत के जीवन से संबंधित मुख्य तथ्य
• वह जम्मू-कश्मीर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुने जाने के बाद 1982 से 1988 तक राज्यसभा के सदस्य रहे.
• पत्रकारिता और डोगरी तथा हिन्दी भाषा के क्षेत्र में उन्होंने उल्लेखनीय योगदान किया.
• वह डोगरी संस्था के संस्थापक सदस्य थे और उन्होंने डोगरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में दर्ज कराने हेतु अथक संघर्ष किया.
• डोगरी भाषा के आठवीं अनुसूची में शामिल होने के बाद उन्होंने स्नातकोत्तर स्तर तक शैक्षणिक संस्थानों में डोगरी भाषा लागू किए जाने का अभियान चलाया.
• वह आकाशवाणी और पीटीआई से भी लम्बे समय तक जुड़े रहे.
• हिन्दी और डोगरी में डीसी प्रशांत के नाटकों ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दी.
• डीसी प्रशांत ने अपना करियर आजादी से पहले असोसिएटेड प्रेस से शुरू किया था.
• उनके परिवार में तीन बेटे और चार बेटियां हैं.
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