भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 जुलाई 2014 को रूस के राष्ट्रपति वाल्दिमीर पुतिन से ब्राजील के फोर्टालेजा में मुलाकात की. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से छठे ब्रिक्स (बीआरआईसीएस) सम्मेलन के दौरान की. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ रूसी राष्ट्रपति की पहली–शिखर सम्मेलन स्तर की बैठक थी.
इस बैठक के दौरान, प्रधानमंत्री ने रूस के साथ परमाणु, रक्षा एवं ऊर्जा के क्षेत्रम में विशेष रणनीतिक भागीदारी की इच्छा जताई और उन्होंने दिसंबर 2014 में रूसी राष्ट्रपति के भारत दौरे के दौरान उन्हें कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना का दौरा करने का न्यौता दिया.
प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढाने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और रक्षा, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, ऊर्जा, व्यापार एवं निवेश, लोगों के बीच संपर्क और क्षेत्रीय एवं वैश्विक चुनौतियों से जुड़े मुद्दों में रणनीतिक भागीदारी बढ़ाने पर जोर देने की बात कही.
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से छात्रों के लिए उदार वीजा व्यवस्था (लीबरल वीजा रीजाइम) को मजबूत बनाने पर जोर दिया. राष्ट्रपति पुतिन ने इस मामले को विचारणीय मामला बताया.
दोनों ही नेताओं ने दिसंबर 2014 दिल्ली में होने वाली वार्षिक शिखर बैठक को साहसिक दृष्टि और आने वाले वर्षों के लिए योजना की रूपरेखा तैयार करने के अवसर के तौर पर देखा.
तमिलनाडु स्थित कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (केकेएनपीपी) की यूनिट 1 और यूनिट 2 रूसी सहायता से 17200 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है.
अप्रैल 2014 में नागरिक दायित्व परमाणु क्षति अधिनियम 2010 की आरंभिक बाधाओँ को पार करने के बाद भारत और रूस ने यूनिट 3 और यूनिट 4 के लिए जेनरल फ्रेमवर्क एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किया था. परमाणु ऊर्जा परियोजना भारत– रुस रिश्तों का प्रतीक है.
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