प्रधानमंत्री ने बहुउद्देशीय और मल्टी मॉडल प्लेटफार्म ‘प्रगति’ पोर्टल लॉन्च किया

Mar 26, 2015, 14:20 IST

आम जन की शिकायतों का समाधान करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री मोदी ने बहुउद्देशीय और मल्टीमॉडल प्लेटफार्म प्रगति (प्रो एक्टिव गवर्नेस एंड टाइमली इंप्लीमेंटेशन) का 25 मार्च 2015 को शुभारंभ किया.

बहुउद्देशीय और मल्टी मॉडल प्लेटफार्म प्रगतिप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुउद्देशीय और मल्टी मॉडल प्लेटफार्म प्रगति (प्रो एक्टिव गवर्नेस एंड टाइमली इंप्लीमेंटेशन) का 25 मार्च 2015 को शुभारंभ किया. प्रो एक्टिव गवर्नेस एंड टाइमली इंप्लीमेंटेशन (PRAGATI, or Pro-Active Governance And Timely Implementation प्रगति) पोर्टल  ने प्रधानमंत्री कार्यालय के मौजूदा पब्लिक वेब इंटरफेस का स्थान लिया.

इससे लोगों की शिकायतों के समाधान तथा केन्द्र और राज्यों की प्रमुख योजनाओं और परियोजनाओं की निगरानी तथा समीक्षा हो सकेगी. इस अवसर पर नई दिल्ली‍ में प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरा विश्व भारत की तरफ उत्सुकता से देख रहा है इसलिए प्रशासन को अधिक दक्ष और जिम्मेदार बनाने की आवश्यकता है.

प्रधानमंत्री ने प्रगति पर पहले संवाद में बेमौसम बारिश और किसानों को राहत, जन शिकायत और स्वच्छ  भारत जैसे विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.

परियोजनाओं के कार्यान्वयन तथा निगरानी और शिकायतों के तेजी से निपटान के लिए राज्य के मुख्य सचिवों और केन्द्र  सरकार के सचिवों के साथ की जाने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली मासिक कांफ्रेंस है.

उद्देश्‍य
इसका उद्देश्‍य आम जन की शिकायतों का समाधान करना और साथ-साथ भारत सरकार के महत्‍वपूर्ण कार्यक्रम और परियोजनाओं तथा राज्‍य सरकार के परियोजनाओं की निगरानी और समीक्षा करना है.

प्रगति क्या है?

प्रगति प्‍लेटफॉर्म अनूठे तरीक से तीन नवीनतम टेक्‍नोलॉजी को जोड़ता है. यह डिजीटल डाटा मैनेजमेंट, वीडिया कॉन्‍फ्रेसिंग तथा भू-आकाशीय टैक्‍नोलॉजी है. यह प्‍लेटफॉर्म सरकारी संघवाद की दिशा में काम करते हुए भारत सरकार के सचिवों तथा राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों को एक स्‍थान पर लाता है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री किसी विषय पर संबद्ध केंद्रीय तथा राज्‍य के अधिकारियों से पूरी सूचना ले सकते हैं. ग्राउंड स्‍तर पर स्‍थिति का विजुअल भी मिलेगा. भारत में इस तरह का प्रयास कभी नहीं किया गया. यह ई-गवर्नेंस तथा सुशासन में अभिनवकारी परियोजना है.

प्रगति की एक अंतर्निहित विशेषता यह है कि सभी निर्देश सिस्‍टम में मौजूद रहेंगे ताकि आगे की कार्यवाही हो सके. अंतिम रूप से सुलझाए जाने तक मामले सिस्‍टम में मौजूद रहेंगे.

प्रगति एप्‍लीकेशन की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं
• यह तीन स्‍तरीय (पीएमओ, केंद्र सरकार के सचिवों तथा राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों) प्रणाली है.
• प्रधानमंत्री मासिक कार्यक्रम में डाटा तथा भू-सूचना विज्ञान विजूअल संपन्‍न वीडियों कॉंफ्रेंसिंग के जरिए भारत सरकार के सचिवों तथा राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों के साथ संवाद करेंगे.
• ऐसा पहला कार्यक्रम 25 मार्च 2015 बुधवार को अपराह्ण 3:30 बजे हुआ.
• आगे से यह कार्यक्रम प्रत्‍येक महीने के चौथे बुधवार को अपराह्ण 3:30 बजे होगा. इसे प्रगति दिवस कहा जाएगा.
• प्रधानमंत्री के समक्ष लोक शिकायत, चालू कार्यक्रम तथा लंबित परियोजनाओं से संबंधित मामले उपलब्‍ध डाटाबेस से आएंगे.
• यह प्रणाली शिकायतों, परियोजना निगरानी ग्रुप (पीएमजी) तथा सांख्‍यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय के लिए सीपीजीआरएएमएस डाटाबेस को मजबूती देगी.
• प्रगति इन सभी तीन पक्षों को मंच प्रदान करती है.
• उठाए जाने वाले मामले प्रगति दिवस यानी प्रत्‍येक माह के तीसरे बुधवार से सात दिन पहले अपलोड किए जाते हैं.
• ऐप्‍लीकेशन के उपयोग के साथ ही केंद्र सरकार के विभिन्‍न सचिव तथा राज्‍यों के मुख्‍य सचिव मामलों को देख सकते हैं.
• केंद्र सरकार के प्रत्‍येक सचिव तथा राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों के लिए यूजर आईडी तथा पासवर्ड बना दिए गए हैं तथा उपलब्‍ध भी करा दिए गए हैं.
• केंद्र सरकार के सचिव तथा राज्‍यों के मुख्‍य सचिव अपने विभाग/राज्‍य से संबंधित विषय को देख सकेंगे.
• केंद्र सरकार के विभिन्‍न सचिवों तथा राज्‍यों के मुख्‍य सचिवों को मामला समक्ष आने के तीन दिन के अंदर यानी अगले सोमवार को मामले पर अपनी राय और ताजा कार्रवाई की जानकारी देनी होगी.
• एक दिन पूर्व  यानी मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय के लिए उपलब्‍ध होगा ताकि केंद्र सरकार के सचिवों तथा राज्‍य सरकारों के मुख्‍य सचिवों द्वारा भरे गए डाटा की समीक्षा की जा सके.
• इसकी डिजाइनिंग इस तरह की गई  है कि प्रधानमंत्री द्वारा विषय की समीक्षा करते समय उनके स्क्रीन पर विषय संबंधी सूचना, ताजा अपडेट और संबंधित विजूअल उपलब्‍ध होंगे.

इस प्रणाली की डिजाइनिंग प्रधानमंत्री कार्यालय की टीम ने नेशनल इंफार्मेटिक्‍स सेंटर (एनआईसी) की सहायता से की है.

प्रगति और 'पीएमओ सीपीग्राम्स' में अंतर
प्रगति पोर्टल को पीएमओ सीपीग्राम्‍स के मुकाबले और अधिक आसान बना दिया गया है. भ्रष्टाचार की श्रेणी में नौ अन्य प्रकार के भ्रष्टाचारों को भी शामिल किया गया है. प्रगति पोर्टल के द्वारा संबंधित विभाग में जिस तरह का भ्रष्टाचार हो रहा है उसकी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है. टेलीकॉम, रेलवे, वित्‍तीय सेवा विभाग, ऊर्जा, पेट्रोलियम, हेवी इंडस्ट्रीज, शहरी विकास, सड़क परिवहन, ग्रामीण विकास और अन्य कई विभागों को शामिल किया गया है. इन सभी को ऐसे विभागों के तौर पर देखा गया है, जहां सबसे अधिक भ्रष्टाचार की आशंका होती है.

प्रगति के पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शासनकाल में 'पीएमओ सीपीग्राम्स' के नाम से पोर्टल चलाया जाता था. इसमें भ्रष्टाचार का कॉलम बनाया गया था.

विश्लेषण

देश से भ्रष्टाचार मिटाने में पोर्टल प्रगति अहम भूमिका निभा सकता है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री का यह प्रयास केंद्र की योजनाओं को गति देने और समय से उन्हें पूरा करने की दिशा में सार्थक कदम साबित हो सकता है.

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