राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने 21 दिसम्बर 2010 को प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बीएस लाली के निलंबन संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए. इन पर भ्रष्टाचार के आरोप थे. केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने 16 नवबर 2010 के अपने रिपोर्ट में लाली पर लगे सात आरोपों में से पांच में आरोपी करार दिया था. इन आरोपों में क्रिकेट प्रसारण से होने वाले विज्ञापन आय का मामला और वर्ष 2010 में दिल्ली में संपन्न राष्ट्रमंडल खेलों के प्रसारण का अधिकार ब्रिटेन स्थित कंपनी एसआईएस लाइव को दिए जाने का उनका विवादास्पद निर्णय शामिल हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा लाली के मामले को राष्ट्रपति को संदर्भित किये जाने के बाद राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने दिसम्बर 2010 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जांच हेतु नियुक्त करने का निर्देश दिया था.
विदित हो कि उत्तर प्रदेश कैडर के 1971 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी बीएस लाली को दिसम्बर, 2006 में प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के पद पर नियुक्त किया गया था. प्रसार भारती की स्थापना 23 नवम्बर 1997 को सरकारी प्रसारण सेवा के रूप में हुई थी. दूरदर्शन टीवी नेटवर्क और ऑल इंडिया रेडियो प्रसार भारती के अंतर्गत आते हैं. प्रसार भारती एक्ट के अनुसार प्रसार भारती के चेयरमैन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी या सदस्य को राष्ट्रपति के आदेश पर ही हटाया जा सकता है. वर्तमान में प्रसार भारती के चेयरमैन मृणाल पांडे हैं.
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