रूस ने बकाया भुगतान के कारण यूक्रेन की गैस आपूर्ति में कटौती की. यह जानकारी 16 जून 2014 को दी गई. यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री यूरी प्रोडन ने इस बात की पुष्टि की है कि यूक्रेन को रूस द्वारा की जाने वाली गैस आपूर्ति कम कर शून्य कर दी गई है.
इसके थोड़ी ही देर बाद गैजप्रोम और नाफटोगाज ने स्टॉकहोम में इंटरनेशनल काउंसिल कमर्शियल आर्बिट्रेशन (आईसीसीए, International Council Commercial Arbitration) में एक दूसरे के खिलाफ मुकदमा दायर कर दिया.
गैजप्रोम का कहना है कि आपूर्ति इसलिए रोक दी गई क्योंकि यूक्रेन भारी ऋण को नहीं चुका पाया. गैजप्रोम ने यूक्रेन की गैस कंपनी नाफटोगाज को कुल 4.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बकाया में से 1.95 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण को चुकाने को कहा है.
दूसरी तरफ नाफटोगाज ने गैजप्रोम पर यह आरोप लगाया है कि वह उससे 2010 से ही गैस आपूर्ति के लिए 6 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अधिक भुगतान (ओवर पेमेंट) की मांग कर रहा है. इसके अलावा, यूक्रेन ने गैजप्रोम द्वारा कीमतों में 80 फीसदी के इजाफे की वजह से ऋण चुकाने से साफ इंकार कर दिया है.
रूस द्वारा यूक्रेन पर बिलों की भुगतान न करने के आरोप के बाद यूक्रेन को मिलनी वाले गैस की रियायती दर अप्रैल 2014 में हटा ली गई थी. अप्रैल 2014 तक यूक्रेन को प्रत्येक 1000 क्यूबिक मीटर गैस के लिए 268 अमेरिकी डॉलर देने होते थे. अब इसकी कीमत 485.50 अमेरिकी डॉलर हो गई है.
यूक्रेन 1.95 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण का भुगतान करने को तैयार है अगर रूस उसे प्रत्येक 1000 क्यूबिक मीटर गैस 362 अमेरिकी डॉलर की कीमत पर दे लेकिन रूस ने अंतिम कीमत 385 अमेरिकी डॉलर रखी है.
विश्लेषण
रूस– य़ूक्रेन संबंधों में फरवरी 2014 में मास्को द्वारा क्रीमिया पर कब्जा के बाद तनाव बना हुआ है. गैस आपूर्ति में कटौती के इस कदम से यूरोप में कुल गैस आपूर्ति के 15 फीसदी को प्रभावित करेगा क्योंकि ये आपूर्ति यूक्रेन में रूसी गैस पाइपलाइन के जरिए की जाती है.
हालांकि रूस यूरोप को गैस की आपूर्ति जारी रखेगा लेकिन गैजप्रोम प्रमुख एलेक्सि मिलर ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन के जरिए ईयू को गैस आपूर्ति जोखिम भरा है.
यूरोपीय संघ के ऊर्जा आयुक्त गुएंथर ओट्टिंगर ने कहा है कि वे सौदे के लिए निराशावादी नहीं हैं.
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