अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-1 ने जमात-ए-इस्लामी के नेता गुलाम आजम को युद्धापराध का दोषी करार दिया और उन्हें 90 वर्ष कारावास की सजा सुनाई. अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधीकरण-1 ने 91 वर्ष के गुलाम आजम को वर्ष 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के युद्ध के समय हत्या और यातना सहित 5 आरोपों का दोषी करार दिया. तीन सदस्यीय न्यायाधीरकण के प्रमुख न्यायमूर्ति एटीएम फजले कबीर ने यह निर्णय 15 जुलाई 2013 को दिया.
तीन सदस्यीय न्यायाधीरकण के प्रमुख न्यायमूर्ति एटीएम फजले कबीर ने निर्णय में कहा कि गुलाम आजम का मामला बिल्कुल अलग है. गुलाम आजम अपराधों के समय मौके पर उपस्थित नहीं थे, लेकिन वह वर्ष 1971 के युद्ध अपराधों के मुख्य सूत्रधार होने के आरोपी रहे हैं. एटीएम फजले कबीर ने कहा कि गुलाम आजम 90 वर्ष जेल की सजा काटेंगे.
गुलाम आजम को युद्ध के दौरान लोगों की सामूहिक हत्या तथा बलात्कार का दोषी पाया गया. गुलाम आजम के विरूद्ध मानवता के खिलाफ अपराध के 60 से अधिक मामले थे. उन पर षड्यंत्र तथा लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का भी आरोप था. वर्ष 1971 में आजम पूर्वी पाकिस्तान में जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख थे. वह वर्ष 1969 से वर्ष 2000 तक जमात-ए-इस्लामी के नेता रहे.
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण
अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की नियुक्ति अवामीलीग के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार ने वर्ष 2010 में की थी. इस न्यायाधिकरण का गठन बांग्लादेश के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की सेना के साथ साठगांठ करने वाले बांग्लादेश के लोगों के विरूद्ध मामलों की सुनवाई हेतु किया गया था.
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