बेनामी लेनदेन संशोधन विधेयक, 2015 13 मई 2015 को लोकसभा में पारित हो गया. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बेनामी लेनदेन(निषेध) (संशोधन) विधेयक, 2015 को मंजूरी दी थी.
संशोधन विधेयक में कुछ ऐसे प्रावधान जोड़े गए हैं जिसके तहत देश में काले धन पर अंकुश लगाने वाले नियमों का उल्लंघन करने वालों व्यक्ति को जुर्माना और कारावास जैसी सजा हो सकती है.
इसके अतरिक्त विधेयक में बेनामी संपत्ति को कुर्क और जब्त करने के प्रावधानों को भी शामिल किया गया. बेनामी लेनदेन संशोधन विधेयक, 2015 में अभियोजन का भी प्रावधान किया गया है जिसका उद्देश्य बेनामी संपत्ति को अवरुद्ध करना है जो रियल एस्टेट में काले धन का मुख्य कारण है.
इससे पहले यह विधेयक 2011 में यूपीए सरकार द्वारा लाया गया था परन्तु 15वीं लोकसभा के भंग होने के करण यह विधेयक संसद में पारित नहीं हो सका.
यदि यह विधेयक अधिनियमित हो जाता है तो यह 1988 के बेनामी लेनदेन(निषेध) अधिनियम का स्थान लेगा.
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