भारतीय विद्या भवन लंदन के कार्यकारी निदेशक डॉ. एम. एन. नंदकुमार और भवन में कर्नाटक संगीत की शिक्षिका शिवशक्ति शिवानेसन को 25 अक्टूबर 2015 को भारतीय संगीत-कला के क्षेत्र में योगदान देने के लिए क्रमश: लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार और संगीत आचार्य रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ब्रिटेन के लिए भारत के उच्चायुक्त रंजन मथाई ने दोनों को यह पुरस्कार नेहरू सेंटर में एक कार्यक्रम के दौरान दिया.
यह पहली बार है जब नेशनल इंडियन आर्ट्स अवार्ड्स का आयोजन एक भारतीय कला विकास न्यास मिलापफेस्ट ने किया है. मिलापफेस्ट ने इन पुरस्कारों की स्थापना भारतीय कला एवं संगीत के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों के लिए की है. इन पुरस्कारों की स्थापना से लोगों के बीच यह समझ पैदा होगी कि किस तरह से नि:स्वार्थ किया गया काम आपको सशक्त बनाता है और नई पीढ़ी को पोषित करता है.
डॉ. नंदकुमार ने लगभग अपना पूरा कामकाजी जीवन भवन में व्यतीत किया. उन्होंने वहां संस्कृत पढ़ाई है और 1996 से वह भवन के कार्यकारी निदेशक हैं. शिवशक्ति भवन में कर्नाटक संगीत और वीणा की शिक्षिका रही हैं और सदियों में विकसित हुए संगीत के ज्ञान को वह यहां गुरू-शिष्य परंपरा के तहत नयी पीढ़ी तक पहुंचाती रही हैं.
आर्ट्स काउंसिल इंग्लैंड का इन पुरस्कारों को समर्थन हासिल है. इसके अलावा पुष्कला गोपाल को नृत्य आचार्य पुरस्कार, जसदीप सिंह को वर्ष का तरंग संगीतकार पुरस्कार, संजुरन कीर्तिकुमार को वर्ष का साम्यो संगीतकार पुरस्कार, यारलिन थनाबालसिंघम को वर्ष का युवा संगीतकार पुरस्कार और पार्वती चौधरी को वर्ष का युवा नृर्तक पुरस्कार प्रदान किए गए.
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