भारत सरकार और जापान सरकार ने दोहरे कराधान को टालने और आय पर टैक्स के संदर्भ में राजकोषीय चोरी रोकने के लिए मौजूदा समझौते में संशोधन करने हेतु 11 दिसंबर 2015 को एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए. भारत सरकार की ओर से राजस्व सचिव डॉ. हसमुख अधिया और जापान सरकार की ओर से जापान के राजदूत केंजी हीरामत्सुक ने इस प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किये.
इस प्रोटोकॉल में कर संबंधी सूचनाओं के कारगर ढंग से आदान-प्रदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत मानकों का जिक्र है, जिनमें बैंक सूचनाओं संबंधी कर मसलों पर सूचनाएं और बगैर घरेलू कर हित वाली सूचनाएं भी शामिल हैं. इसमें इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि भारत के किसी निवासी के संबंध में जापान से जो सूचनाएं प्राप्त होंगी, उन्हें जापान के सक्षम प्राधिकरण से स्वीकृति मिलने के बाद अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है. इसी तरह जापान के किसी निवासी के संबंध में भारत से जो सूचनाएं प्राप्त होंगी, उन्हें भारत के सक्षम प्राधिकरण से स्वीकृति मिलने के बाद अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ साझा किया जा सकता है.
उपर्युक्त प्रोटोकॉल में इस बात का उल्लेख है कि भारत और जापान दोनों ही राजस्व दावों के संग्रह में एक-दूसरे को सहायता प्रदान करेंगे. इस प्रोटोकॉल में सरकार/सरकारी स्वामित्व वाली वित्तीय संस्थानों द्वारा बीमित ऋण-दावों के संदर्भ में स्रोत देश में ब्याज आय को टैक्स से छूट दिये जाने का भी उल्लेूख है.
विदित हो कि निवर्तमान मूल समझौते पर भारत एवं जापान के बीच हस्ताक्षर वर्ष 1989 में किये गये थे.
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