भारत एवं बांग्लादेश के बीच सीमा पर संयुक्त निगरानी हेतु 17 फरवरी 2015 को सहमति बनी. इस समझौते का मुख्य उद्देश्य सीमा पर आपराधिक एवं तस्करी संबंधित गतिविधियों पर रोक लगाना है. इसके साथ ही यह समन्वित सीमा प्रबंधन योजना दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने में मददगार होंगे.
भारत एवं बांग्लादेश के बीच सीमा पर संयुक्त निगरानी रखेंने हेतु सहमति संबंधी समझौता भारत-बांग्लादेश के बीच 16-17 फरवरी 2015 के दौरान नई दिल्ली में संयुक्त कार्यदल की मीटिंग में गृह सचिव स्तरीय बातचीत में ली गई. इसमें बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बांग्लादेश के गृह मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव मोज़ामल हक खान ने की जबकि भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय गृह सचिव एल सी गोयल ने की.
भारत एवं बांग्लादेश के बीच सीमा पर संयुक्त निगरानी रखेंने हेतु बनीं सहमति से संबंधित मुख्य बिंदु
• दोनों पक्ष विशेष रूप से त्रिपुरा और मिजोरम सीमाओं के साथ बांग्लादेश की सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती से सीमा पर चौकसी बढ़ाने के लिए सहमत हुए.
• दोनों पक्ष बांग्लादेश से मानव तस्करी में संलग्न अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सहमत हुए.
• दोनों पक्षों ने समुद्री सीमाओं के पार अनजाने में चले जाने वाले मछुआरों से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए सहमति जताई.
• दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच सीमा सुरक्षा और सीमा प्रबंधन से संबंधित मुद्दों के बारे में आपसी विचार-विमर्श हेतु सहमति जताई.
• इसके अलावा नियंत्रण रेखा से नकली भारतीय मुद्रा के परिचालन के खिलाफ एवं बांग्लादेश की सीमा से सटे इलाकों में शरण ले रहे भारतीय उग्रवादी समूहों के खिलाफ बांग्लादेश ने कार्यवाही करने पर सहमति जताई. जिसकी भारत पक्ष ने सराहना की.
विदित हो कि भारत एवं बांग्लादेश के बीच सीमा पर संयुक्त निगरानी रखेंने हेतु समन्वित सीमा प्रबंधन योजना, दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने में मददगार साबित होगी.
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