भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में रात्रिभोज के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की. भारत तथा अमेरिका ने 29 सितंबर 2014 को एक विज़न स्टेटमेंट ‘चलें साथ साथ: फॉर्वड टूगेदर वी गो’ जारी किया. विजन स्टेटमेंट में दोनों देशों की ओर से समृद्धि और शांति के लिए संयुक्त प्रयास करने का आह्वान किया गया है.
संयुक्त बयान में विश्व के सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्र के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की बात की.
विजन स्टेटमेंट के मुख्य बिंदु
• यह दोनों देशों के सुरक्षा में सहयोग करने और आतंकवाद से लड़ने में सहायक होगा.
• इसमें भारत और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) सहित अधिक से अधिक बहुपक्षीय जिम्मेदारी, ग्रहण करेंगे, जिसमें एक समावेशी नियम आधारित विश्व व्यवस्था को बनाने का बात होगी.
• दोनों देशों द्वारा जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने के लिए एक साथ काम करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करना.
• दोनों देशों की सरकारों ने विज्ञान और दोनों देशों की शैक्षिक समुदायों के बीच सहयोग के माध्यम से अनियंत्रित प्रदूषण के परिणामों से निपटने के लिए सहयोग करने की बात इस विजन स्टेटमेंट में की गई है.
• दोनों देशों द्वारा आर्थिक विकास के माध्यम से सभी लोगों के लिए बेहतर आजीविका सुनिश्चित करना.
• खुले बाजार का विस्तार करना.
• मातृ एवं शिशु मौतों को खत्म करने, और सभी के लिए गरीबी उन्मूलन और एक सुरक्षित वातावरण में महिलाओं की पूर्ण सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए संगठित प्रयास करने की बात भी इस विजन स्टेटमेंट में की गई है.
• इसके अतिरिक्त एक संयुक्त बयान में दोनों देशों ने भेदभाव रहित परमाणु निरस्त्रीकरण को बढ़ावा देने और सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार को रोकने और परमाणु हथियारों की प्रमुखता को कम करने के लिए प्रतिबद्धता दोहराई.
विश्लेषण
एशिया महाशिक्त चीन से मुकाबले को तेज करने के लिए अमेरिका भारत के साथ व्यापार और सुरक्षा संबंधों के विस्तार के लिए उत्सुक है. हालांकि, अब तक दोनों देशों के बीच इस स्तर पर संबंधों की संयुक्त घोषणा से भारत- अमेरिका साझेदारी को 21 वीं सदी की निर्णायक साझेदारी में से एक बनाने के लिए कहा जा रहा है.
विदित हो कि वर्ष 2010 में हुई इसी तरह की एक द्विपक्षीय साझेदारी में दोनों देश खरा उतरने में सफल रहे थे.
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