प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 11 फरवरी 2011 को केरल के कोचीन स्थित वल्लरपदम में भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल (ICTT: International Container Transshipment Terminal) का शुभारंभ किया. फरवरी 2005 में मनमोहन सिंह ने ही आइसीटीटी परियोजना की आधारशिला रखी थी.
अंतरराष्ट्रीय कंटेनर ट्रांसशिपमेंट टर्मिनल का विकास, निर्माण, संचालन और हस्तांतरण आधार पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP: Public Private Partnership) के तहत कोचीन पोर्ट ट्रस्ट और मेसर्स इंडिया गेटवे टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड (मेसर्स दुबई पोर्ट वर्ल्ड की एक सहायक इकाई) ने किया. आईसीटीटी का विकास 8000 से ज्यादा टीईयू (TEU: Twenty-Foot Equivalent Units, 20 फुट उंचा कंटेनर, कंटेनर की ISO मात्रा) क्षमता वाले कंटेनर जहाजों को संभालने की सुविधाओं के साथ किया गया है. परियोजना निर्माण की लागत 6250 करोड़ रुपये है.
आईसीटीटी परियोजना भारत के निर्यात-आयात कंटेनरों के ट्रांसशिपमेंट के लिए विदेशी बंदरगाहों पर निर्भरता को कम करेगा. यह परियोजना भारत की बुनियादी सुविधाओं के विकास में समुद्री तटवर्ती क्षेत्र में हासिल की गई महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
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