भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने 28 जुलाई 2015 को राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) को सहयोग देने के लिए 30 अरब डॉलर के एक ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए. इस योजना का उद्देश्य देश की शहरी आबादी की स्वास्थ्य स्थिति को बेहतर बनाना है.
राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन में सहयोग के लिए दिया जाने वाला ऋण एनयूएचएम के तहत शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य प्रणालियों को विकसित करने की सरकार की कोशिशों में मजबूती लाएगा. इससे गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति होगी तथा शहरी गरीबों तथा निर्बल वर्गों को इसका लाभ मिल सकेगा। यह प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत बनाने पर ध्यान केन्द्रित करेगा तथा स्वास्थ्य एवं शहरी क्षेत्रों के बीच बेहतर समन्वय और सार्वजनिक निजी साझेदारी के अवसरों को भी बढ़ावा देगा.
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग में संयुक्त सचिव राजकुमार ने भारत सरकार की तरफ से समझौते पर हस्ताक्षर किया. एडीबी के इंडिया रेजिडेंट मिशन के कंट्री डायरेक्टर एम. टेरेसा खो ने एडीबी की तरफ से समझौते पर हस्ताक्षर किया. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव (एनयूएचएम) एन.बी. ढल ने अपने मंत्रालय की तरफ से परियोजना दस्तावेज पर हस्ताक्षर किया. इस ऋण पर हस्ताक्षर करने वालों ने गरीबी उपशमन के लिए जापान द्वारा वित्त पोषित 20 लाख डॉलर की क्षमता निर्माण तकनीकी सहायता के फंड के लिए भी हस्ताक्षर किए.
विदित हो कि भारत में तेजी से शहरीकरण हो रहा है, जिसमें शहरी गरीबों में व्यापक वृद्धि हो रही है. शहरी गरीबों की विषम जीवन स्थिति और अच्छी मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी सीमित पहुंच की वजह से शहरी क्षेत्रों में निर्धनों एवं समृद्ध वर्गों के बीच स्वास्थ्य स्थिति में काफी असमानता है.
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