भारत ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता के तहत म्यांमार के सिट्टवे में विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना के लिए निर्यात परियोजनाओं हेतु 15 करोड़ डॉलर के ऋण की पेशकश की. इस प्रस्ताव के तहत म्यांमार सरकार द्वारा उपयुक्त भूमि उपलब्ध कराई जानी है. ने पी ताव में 7 जून 2013 को म्यांमार के राष्ट्रपति यू थीन सेन के साथ बैठक में भारत के वाणिज्य, उद्योग और कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने दोनों देशों के बीच सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान अनेक महत्वपूर्ण निर्णय भी किए गए.
इसके साथ ही दोनों नेताओं ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा की. थानलिन रिफाइनरी के जीर्णोद्धार और थनबायाकन पेट्रोकैमिकल परिसर का उन्नयन कार्य सुगमता से चल रहा है. थानलिन रिफाइनरी के जीर्णोद्धार के लिए 2 करोड़ डॉलर की ऋण सहायता पर वर्ष 2005-06 में हस्ताक्षर किए गए थे. थनबायाकन पेट्रोकैमिकल परिसर के उन्नयन कार्य के लिए 2 करोड़ अमरीकी डॉलर की ऋण सहायता पर वर्ष 2008-09 में हस्ताक्षर किए गए थे.
इसके अलावा भारत ने म्यांमार को सड़क विकास परियोजनाओं के लिए सहायता दी है जिनमें तामू-कलेवा-कलेम्यो सड़क (करीब 160 किलोमीटर) का उन्नयन, कलादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट परियोजना, ट्रिलेटरल हाइवे परियोजना(करीब 1360 किमी) का कुछ क्षेत्र शामिल है. इन योजनाओं से पूर्वोत्तर क्षेत्र में बहुत लाभ होना है.
वाणिज्य, उद्योग एवं वस्त्र मंत्री आनंद शर्मा का म्यामार दौरा...
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