प्रख्यात भारतविद प्रोफेसर डेविड शूलमैन को 14 फ़रवरी 2016 को दक्षिण भारतीय संस्कृति और साहित्य के धार्मिक अध्ययन में उनके सफल अनुसंधान हेतु प्रतिष्ठित इसराइल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
इजरायल के शिक्षा मंत्री नफ्ताली बेनेट ने पुरस्कार समिति के अनुमोदन को मंजूरी दी. प्रोफेसर शाऊल शाकेद ने इस समिति की अध्यक्षता की.
डेविड शूलमैन के बारे में-
• भारतविद डेविड डीन शूलमैन भारत की अन्य भाषाओं के लिए दुनिया में अधिकृत माने जाते हैं.
• उन्होंने दक्षिण भारत में धर्म के इतिहास, भारतीय काव्यशास्त्र, तमिल, इस्लाम, द्रविड़ भाषा विज्ञान और कर्नाटक संगीत सहित कई क्षेत्रों में शोध किया.
• पूर्व में वह यरूशलेम के हिब्रू विश्वविद्यालय में भारतीय ईरानी और अर्मेनियाई अध्ययन विभाग में भारतीय अध्ययन और तुलनात्मक धर्म के प्रोफेसर रहे.
• वर्तमान में वह यरूशलेम के हिब्रू विश्वविद्यालय में मानववादी अध्ययन के रेनी लैंग प्रोफेसर है.
• उनकी कविताएँ और साहित्यिक आलोचनाएं, हिब्रू में प्रकाशित हैं.
• वह विभिन्न विषयों पर 20 से अधिक पुस्तकों के लेखक और सह लेखक है. इन पुस्तकों में मंदिरों के मिथक, कविताएं और निबंध संकलित हैं. इन पुस्तकों में व्यापक रूप से दक्षिण भारत के सांस्कृतिक इतिहास का दर्शन कराया गया हैं.
• उनके द्वारा लिखित पुस्तकों और अनुवाद के माध्यम से वह भारत के विषय में इजरायल के शैक्षणिक समुदाय और आम जनता के बीच भारतीय सभ्यता के राजदूत की तरह जाने जाते हैं.
• वह इजरायल-फिलिस्तीन आंदोलन तायुश के संयुक्त संस्थापक सदस्य है.
• हिब्रू और अंग्रेजी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं के ज्ञान के साथ उन्हें संस्कृत, हिंदी, तमिल और तेलुगू में महारत हासिल है. वे फारसी, अरबी और मलयालम, यूनानी रूसी, फ्रेंच, जर्मन पढ़ सकते है.
• 1987 में उन्हें प्रतिष्ठित मैकआर्थर फैलोशिप से सम्मानित किया गया. इससे पहले उन्हें “इजरायल पुरस्कार” से सम्मानित किया गया.
इजरायल पुरस्कार के बारे में-
• इजरायल पुरस्कार इसराइल राज्य द्वारा चयनित व्यक्ति को सौंपा जाता है. इस पुरस्कार को सामान्यतया राज्य में सर्वोच्च सम्मान के रूप में माना जाता है.
• यह पुरस्कार इजरायली स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, क्नेस्सेट (इज़राइल की विधायिका) और सुप्रीम कोर्ट के अध्यक्ष की उपस्थिति में यरूशलेम राज्य के वार्षिक समारोह में प्रदान किया जाता है.
• पुरस्कार शिक्षा मंत्री बेन-ज़िय्योन दिनोर की पहल पर 1953 में आरम्भ किया गया. शिक्षा मंत्री बेन-ज़िय्योन दिनोर को भी 1958 और 1973 में इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• 2015 में इजरायल इम्यूनोलॉजिस्ट जेलिंग एश्हर को जीवन विज्ञान के लिए इसराइल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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