कॉमर्स इंडस्ट्रीज एसोसिएटेड चैंबर (एसोचैम) द्वारा स्टार्टअप उद्योग पर किए गए एक अध्ययन की रिपोर्ट 2 अगस्त 2015 को जारी की गई.
रिपोर्ट के अनुसार भारत में अगले पाँच वर्षों में स्टार्टअप उद्योग से एक दर्जन अरबपति बनेंगे. इन स्टार्टअप उद्योगों में ई-कॉमर्स, वित्तीय सेवा एवं तकनीक आधारित उद्योगों का सर्वाधिक योगदान होगा.
रिपोर्ट के अनुसार अगले पाँच वर्षों में चीन सहित दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों की स्टार्टअप कंपनियों में भारतीय कंपनियां शीर्ष पर होंगी. इसके अनुसार चीन की संरचनात्मक समस्याएं वहां की स्टार्टअप कंपनियों के विकास में समस्या खड़ी करेंगी जबकी भारतीय कंपनियों के सामने ऐसी चुनौतियां नहीं होंगी.
रिपोर्ट के मुताबिक 2020 तक ई-कॉमर्स, संगीत-मनोरंजन, भुगतान सेवा और रेडियो टैक्सी जैसी परिवहन सेवा क्षेत्र की कंपनियों का कारोबार तेजी से बढऩे की उम्मीद है. इसमें कहा गया है कि यात्रा टिकटों बुकिंग व्यवासय परिक्वता के स्तर पर पहुंच चुका है.
इसके तहत अगले पांच वर्ष में ऑनलाइन बाजार के माध्यम से फैशन से जुड़े उत्पाद एवं मोबाइल फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बिक्री में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.
ऑनलाइन फ़ूड और सिनेमा बुकिंग पहले ही लाभ की स्थिति में है. एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार शहरों और ग्रामीण इलाकों में ई-कोचिंग, पूर्ण सुरक्षा फीचरों के साथ चिकित्सा सलाह और सोशल नेटवर्किंग कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो अब भी ई-कॉमर्स से दूर हैं.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने स्टार्टअप कंपिनयों के लिए बाजार से पूँजी जुटाने की सुलभ व्यवस्था की है.
साथ ही फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी कंपनियों के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की प्रक्रिया शुरू होने से 2020 तक देश में कम से कम एक दर्जन नए अरबपति और कई करोड़पति होंगे.
रिपोर्ट के अनुसार स्टार्टअप कंपनियों के प्रति देश के दिग्गज उद्योगपतियों जैसे रतन टाटा, अजीम प्रेमजी और एन.आर. नारायणमूर्ति की रूचि से इस उद्योग की बढ़ने की उम्मीद है.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Comments
All Comments (0)
Join the conversation