भारत 21 अक्टूबर 2014 को वर्ष 2015-2017 के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) का पुन: सदस्य निर्वाचित हुआ. भारत का इस पद पर पुन: निर्वाचन एशिया प्रशांत समूह में 162 वोट (सबसे ज्यादा) प्राप्त करने के बाद हुआ. निर्वाचन प्रक्रिया न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में आयोजित की गई.
एशिया-प्रशांत समूह में मुख्य प्रतिस्पर्धा था, जिसमें चार सीटों के लिए चुनाव होने थे. इस समूह में अन्य प्रतिस्पर्धी देशों में इंडोनेशिया, बांग्लादेश, कतर, थाईलैंड, कुवैत, कंबोडिया, फिलीपींस और बहरीन थे. जिनमें से भारत, बांग्लादेश, कतर और इंडोनेशिया को यूएनएचआरसी के लिए चुना गया.
वर्तमान में, भारत 47 देशों के यूएनएचआरसी का एक सदस्य है और इसका पहला कार्यकाल 31 दिसंबर 2014 को समाप्त होने जा रहा है. भारत के अतिरिक्त 14 अन्य सदस्य देशों, जिनमें अल्बानिया, बांग्लादेश, बोलीविया, बोत्सवाना, कांगो, अल साल्वाडोर, घाना, इंडोनेशिया, लातविया, नीदरलैंड, नाइजीरिया, पैराग्वे, पुर्तगाल और कतर शामिल हैं को तीन वर्ष के कार्यकाल के लिए चुना गया. जो 1 जनवरी 2015 से प्रारंभ होगा.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के बारे में
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद एक अंतर-सरकारी निकाय है जो मानव अधिकारों की रक्षा करता है एवं उनको बढ़ावा देता है. यह मानवीय गरिमा के सार्वभौमिक आदर्शों के लिए दुनिया की प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है. यूएनएचआरसी, महासभा परिषद के उद्देश्यों की प्राप्ति में राष्ट्रों के योगदान और प्रतिबद्धता को देखता हैं. इसके प्रत्येक सीट की अवधि तीन वर्ष होती है. मानवाधिकार उच्चायुक्त संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख मानव अधिकार अधिकारी होते हैं. यूएनएचआरसी, संयुक्त राष्ट्र सचिवालय का एक हिस्सा है, जिसका मुख्यालय जिनेवा में स्थित हैं.
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