24 नवंबर 2015 को भारत और सिंगापुर ने आपसी सहयोग के 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इसमें रक्षा, नागरिक उड्डयन, राष्ट्रीय नियोजन और साइबर सुरक्षा भी शामिल हैं.
इन समझौतों पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए. नरेन्द्र मोदी सिंगापुर के दो दिवसीय ( 23 से 24 नवंबर 2015) दौरे पर थे.
हस्ताक्षर किए गए संयुक्त घोषणा/ समझौतों/ समझौता ज्ञापनों की सूची
सामरिक भागीदारी पर संयुक्त घोषणाः द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने के लिए सहयोग के मौजूदा क्षेत्रों में गहराई और व्यापकता लाना चाहता है. रणनीतिक भागीदारी व्यापक क्षेत्रीय स्थिरता और विकास के लिए रुपरेखा भी है.
रक्षा सहयोग से संबंधित समझौतेः
क) रक्षा मंत्रियों की वार्ता
ख) सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त अभ्यास
ग) सह– उत्पादन औऱ सह– विकास के क्षेत्रों की पहचान के लिए रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग.
वर्ष 2015–2018 के लिए कला, विरासत, अभिलेखागार और पुस्तकालय के क्षेत्र में सहयोग पर एशियन सिविलाइजेशन म्यूजियम ऑफ सिंगापुर एग्जिक्युटिव प्रोग्राम के लिए कलाकृतियों पर ऋण पर समझौताः वर्ष 2015–2018 के लिए कार्यक्रम में कला, संग्रहालय, अभिलेखागार, स्मारकों, पुस्तकालयों और तकनीकी विशेषज्ञों और छात्रों के आदान– प्रदान हेतु कार्यक्रम में कार्ययोजना और सहयोग की विस्तृत परिकल्पना की गई है.
ह्वाइट शिपिंग इंफॉर्मेशन साझा करने के लिए तकनीकी समझौते का संचालनः इस समझौते पर भारतीय नौ सेना और सिंगापुर की नौसेना ने 21 जुलाई 2015 को हस्ताक्षर किया था.
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग पर समझौताः इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम (सर्ट–इन ), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और सिंगापुर कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम ( सिंगसर्ट), सिंगापुर साइबर सुरक्षा एजेंसी के बीच करार हुआ था.
यह समझौता ज्ञापन दोनों देशों के सर्ट्स के बीच घनिष्ठ सहयोग और साइबर सुरक्षा से संबंधित जानकारियों के आदान– प्रदान को बढ़ावा देता है, साइबर हमलों पर सूचना के आदान– प्रदान, स्मार्ट प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान सहयोग, प्रचलित साइबर सुरक्षा नीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर सूचना के आदान– प्रदान के साथ– साथ पेशेवर आदान– प्रदान की पुष्टि करता है.
नागरिक उड्डयन पर समझौताः यह समझौता भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और सिंगापुर कोऑपरेसन इंटरप्राइज (एससीई) के बीच हुआ था. यह समझौता जयपुर और अहमदाबाद हवाई अड्डों के साथ शुरु होकर नागरिक विमानन सेवाओं और हवाईअड्डा प्रबंधन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के कई क्षेत्रों में आपसी सहयोग की सुविधा प्रदान करता है.
नियोजन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौताः यह समझौता राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था (नीति आयोग) और सिंगापुर कोऑपरेशन इंटरप्राइज (एससीई) के बीच हुआ था. यह समझौता निम्नलिखित क्षेत्रों में ज्ञान एवं सूचनाओं के आदान– प्रदान को बढ़ावा देता है–
क) शहरी नियोजन
ख) अपशिष्ट जल प्रबंधन
ग) ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
घ) दो संगठनों के बीच पब्लिक– प्राइवेट भागीदारी
मादक दवाओं, मादक पदार्थों और उनके पूर्ववर्ती पदार्थों के अवैध व्यापार का मुकाबला करने के लिए सहयोग पर समझौताः यह समझौता स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एमसीबी), भारत और सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो (सीएनबी) सिंगापुर के बीच हुआ था.
यह समझौता अवैध उत्पादन की प्रवृत्तियों पर सूचना और मादक पदार्थों के तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों के बारे में जानकारी के आदान– प्रदान एवं दो ब्यूरो के बीच सीधा संपर्क बिन्दु स्थापित करने की सुविधा प्रदान करता है. क्षमता निर्माण, कौशल उन्नयन औऱ ज्ञान विकास के क्षेत्र को भी सहयोग का क्षेत्र माना गया.
शहरी नियोजन और प्रशासन के क्षेत्र में क्षमता निर्माण पर समझौताः यह समझौता भारत सरकार के शहरी एवं देश नियोजन संगठन और सिंगापुर कोऑपरेशन इंटरप्राइज के बीच किया गया था.
यह समझौता भारत के सरकारी अधिकारियों की शहरी नियोजन और प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में क्षमता निर्माण में भागीदारी की सुविधा प्रदान करता है.
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ली सीन लूंग ने द्विपक्षीय संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रपति भवन और सिंगापुर के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास– इस्टाना, मुद्रित स्मारक डाक टिकट भी जारी किया.
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