भारत का स्वच्छ ऊर्जा निवेश के मामले में 55 विकासशील देशों में चौथा स्थान है. इस सूची में पहले नंबर पर चीन का स्थान है. इंटर-अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी उभरते देशों के लिए लागत के लिहाज से उतनी ही फायदेमंद हो सकती है जितनी विकासशील देशों के लिए. इस रिपोर्ट में अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिकी एवं कैरिबियाई क्षेत्र के 55 उभरते देशों को शामिल किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक चीन पहले स्थान पर है जिसके बाद ब्राजील का स्थान है. चीन को सबसे ऊंचा स्थान मिला है क्योंकि वह विश्व का सबसे बड़ा वायु एवं सौर उपकरण विनिर्माता और इन उपकरणों के लिए सबसे बड़ा बाजार भी है. भारत को इस सूचकांक में 1.85 अंक जबकि चीन को 2.23 अंक मिले.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कम कार्बन उत्सर्जन के मामले भी भारत का प्रदर्शन सबसे अच्छा है. लगतार बढ़ती मांग, नवीकरणीय ऊर्जा के बेहतरीन संसाधन और जीवाश्म र्इंधन (कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस आदि) की बहुत हद तक कमजोर श्रृंखला के मद्देनजर भारत स्वच्छ ऊर्जा के लिए वृद्धि दर्ज करता बाजार है. भारत में वर्ष 2006-2013 के बीच स्वच्छ ऊर्जा में 62 अरब डॉलर का निवेश हुआ जिसमें से वर्ष 2013 में 6 अरब डॉलर का निवेश हुआ. निवेश के लिहाज से वायु सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र है. रिपोर्ट में कहा गया कि कोयला अभी भी देश की बिजली प्रणाली की रीढ़ है और वर्ष 2013 में इसका कुल बिजली उत्पादन में 71 प्रतिशत योगदान रहा. रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण अफ्रीका, केन्या और युगांडा शीर्ष स्थान पाने वाले देशों में रहे.
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