भारत-बांग्लादेश सीमा पर पहली एकीकृत अगरतला-अखौरा चौकी का उद्घाटन 17 नवम्बर 2013 को किया गया. भारत के गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और बांग्लादेश के गृह मंत्री मोहिउद्दीन खान आलमगीर ने इसका संयुक्त रूप से उद्घाटन किया.
भारतीय भू-पत्तन प्राधिकरण दोनों देशों के मध्य चार हजार 96 किलोमीटर लम्बी सीमा पर जिन सात सीमा शुल्क केन्द्रों का उन्नयन कर रहा है, उनमें यह पहला केन्द्र है.
अगरतला-अखौरा चौकी के निर्माण का उद्देश्य
यह चौकी दोनों देशों (भारत-बांग्लादेश) के मध्य यात्रियों और सामानों की आवाजाही को आसान बनाने और संबंधों को बेहतर बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है. गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय व्यापारियों की सहायता और व्यवसाय को बढ़ावा देने हेतु 73.5 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस बहु-उद्देशीय सीमा टर्मिनल का निर्माण किया.
आईसीपी में वस्तुओं को लादने और उतारने की अत्याधुनिक सुविधाओं के अलावा सुरक्षा वाच टावर, वायर हाउस, निर्यात-आयात जोन और सभी अंतरराष्ट्रीय सेवायें एक छत के नीचे उपलब्ध होनी है. अखौरा जांच चौकी से वस्त्र, मछली, इलेक्ट्रानिक्स वस्तुयें, सीमेंट और अन्य चीजों से लदे लगभग 150 से 175 ट्रक प्रतिदिन गुजरते हैं.
विदित हो कि भारत द्वारा बांग्लादेश से व्यापार पर कोई उत्पाद शुल्क न लगाए जाने के निर्माण के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार में काफी वृद्धि हुई. इस समझौते के तहत केवल 25 मदों को छोड़कर अन्य सभी वस्तुओं को उदार व्यापार के दायरे में रखा गया. वर्ष 2012-13 के दौरान बांग्लादेश ने भारत को 56 करोड़ 20 लाख डॉलर का रिकॉर्ड निर्यात किया.
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