भारतीय डेयरी के दिग्गजों ने श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के 93वीं जयंती के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया.
भारतीय डेयरी क्षेत्र के दिग्गज जिन्होंने यह फैसला किया उनमें शामिल हैं– राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी), भारतीय डेयरी संघ (आईडीए) के साथ 22 राज्य स्तरीय दुग्ध संघ. इसमें गुजरात का गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) जो अमूल ब्रांड का विपणन करता है, भी शामिल हैं. अमूल ने इस दिवस को मनाने के लिए अन्य कार्यक्रमों के अलावा स्कूल अभियानों, युवाओँ के साथ बातचीत, संयंत्रों का दौरा, दूध पीने वाली प्रतियोगिताएं, अनाथालयों में कार्यक्रम, स्कूलों में लेख/ चित्रकला/ क्विज प्रतियोगिताएं औऱ दूध मूछ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया.
डॉ. कुरियन की जयंती पर राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाने का विचार सबसे पहले आईडीए ने दिया था. यह विचार विश्व दुग्ध दिवस जो कि संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के तत्वाधान में वर्ष 2001 से हर वर्ष 1 जून को विश्व भर में मनाया जाता है, की तर्ज पर पेश किया गया. विश्व दुग्ध दिवस दूध और दूध उद्योग से संबंधित गतिविधियों के प्रचार एवं लोगों में आजीवन दूध एवं दूध उत्पादों के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है.
डॉ. वर्गीज कुरियन के बारे में
डॉ. वर्गीज कुरियन को भारत का मिल्कमैन भी कहा जाता है. वे दुनिया के सबसे बड़े कृषि विकास कार्यक्रम ऑपरेशन फ्लड के प्रणेता भी थे. ऑपरेशन फ्लड, बिलियन लीटर वाला विचार, ने भारत को दूध की कमी वाले देश से विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना दिया. उन्होंने करीब 30 उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की (जैसे अमूल, जीसीएमएमएफ, इरमा, एनडीडीबी) जिनका स्वामित्व और प्रबंधन किसानों के पास है औऱ जिनका संचालन पेशेवर लोग करते हैं. वर्ष 1963 में उन्हें रमन मैगसायसाय अवार्ड से सम्मानित किया गया और वर्ष 1989 में उन्हें विश्व खाद्य पुरस्कार, अमेरिका द्वारा विश्व खाद्य पुरस्कार के लिए नामित किया गया. भारत सरकार ने वर्ष 1965 में उन्हें पद्म श्री, वर्ष 1966 में पद्म भूषण और 1999 में पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया.
डॉ. वर्गीज कुरियन द्वारा लिखी गई किताबें
उन्होंने दो किताब लिखीं–
ऐन अनफिनिश्ड ड्रीम (1997) और आई टू हैड अ ड्रीम (2005). वर्ष 2013 में वर्गीज कुरियनः द मैन विद द बिलियन लीटर आईडिया, नाम की किताब का प्रकाशन अमर चित्र कथा ने किया.
डॉ. कुरियन की ऑडियो ऑटोबायोग्राफी – डॉ. कुरियन द मैन हू मेड द एलिफैंट डांस, जारी की गई थी. इसमें आवाज टॉम अल्टर की थी और रतन टाटा ने प्राक्कथन को अपनी आवाज दी थी.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation