भारतीय मूल के 15 वर्षीय छात्र प्रताप सिंह को 12 मार्च 2015 को यूनाइटेड किंगडम में 500 पाउंड के भौतिकी संस्थान पुरस्कार (आईओपी) से नवाजा गया. पुरस्कार में राष्ट्रीय भौतिकी गतिविधि से संबंधित एक यात्रा भी शामिल है.
यह पुरस्कार अल्बर्ट आइंस्टीन के विशेष सापेक्षता सिद्धांत को प्रयोग द्वारा सत्यापित करने के कारण दिया गया.
उन्होंने यह पुरस्कार राष्ट्रीय प्रदर्शनी केन्द्र (एनईसी), बर्मिंघम में आयोजित बिंग बैंग फेयर में प्राप्त किया. 11 से 14 मार्च 2015 तक आयोजित इस फेयर में 11 से 18 साल के 200 से अधिक छात्रों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया. प्रतिभागियों ने हजारों आगंतुकों के समक्ष अपनी परियोजनाओं का प्रदर्शन किया.
कॉस्मिक-रे प्रोजेक्ट
प्रताप सिंह पर्सी स्कूल, केम्ब्रिज के छात्र हैं. उन्होंने कॉस्मिक-रे म्यूंस का पता लगाने के लिए दो गीजर-मुलर ट्यूबों का इस्तेमाल किया जिसके अनुसार कॉस्मिक-रे म्यूंस पृथ्वी पर समय के विस्तार से पूर्व ज्ञात संख्या की स्थिति में नहीं पहुंचनी चाहिए.
उन्होंने प्रदर्शन में समय के विस्तार सहित व बिना विस्तार के आगमन दर जानने के लिए गणितीय मॉडल तथा रेस्पबेरी पाई और सांख्यिकीय विश्लेषण का उपयोग किया. इससे पता चला कि यह 1905 के आइंस्टीन के विशेष सापेक्षता सिद्धांत मॉडल का ही अनुसरण करता है. यह प्रयोग मॉडल इतना छोटा था कि वह जूते के डिब्बे में आसानी से समा सकता था.
भौतिकीय संस्थान
भौतिकीय संस्थान एक अग्रणी वैज्ञानिक सोसाइटी है. यह विश्वभर के 50,000 से अधिक सदस्यों द्वारा स्थापित एक धर्मार्थ संगठन है जिसे भौतिक विज्ञान शिक्षा, अनुसंधान और आवेदनों को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है.
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