मद्रास उच्च न्यायालय ने 17 जून 2015 को तमिलनाडु सरकार को निर्देश जारी किया कि राज्य में चलने वाले दो पहिया वाहनों के लिए 1 जुलाई 2015 से हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा. यह निर्णय राज्य में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए लिया गया.
यह आदेश जस्टिस एन किरुबाकरन द्वारा पास किया गया. इस आदेश में उन्होंने राज्य के गृह सचिव को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 के तहत मीडिया के माध्यम से जनता को जागरुक बनाने के लिए कहा.
उच्च न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों को सभी चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने तथा आदेश की अवहेलना करने वालों पर नज़र रखने के लिए भी निर्देश जारी किया. वाहन चालक द्वारा नियमों की अवहेलना किये जाने पर संबंधित अधिकारियों द्वारा उसका ड्राइविंग लाइसेंस जब्त कर लिया जायेगा.
पृष्ठभूमि
उच्चतम न्यायालय और विभिन्न अन्य उच्च न्यायालयों द्वारा इसी परिपेक्ष्य में आदेश जारी किये जाने के उपरांत तमिलनाडु ने अभी तक कोई भी उपयुक्त कदम नहीं उठाया है.
तमिलनाडु में पिछले 10 वर्षों में 41,330 लोग विभिन्न सड़क हादसों में अपनी जान इसलिए गंवा चुके हैं क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं पहना था एवं 4253038 लोगों पर हेलमेट न पहनने के कारण शिकायत दर्ज की गयी है. इसके अतिरिक्त पिछले 10 वर्षों में 62413 लोगों के सिर में गंभीर चोट के मामले दर्ज किये गए.
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