भारत सरकार तथा एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने आज 300 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए. परिवहन के क्षेत्र में एडीबी की मध्य प्रदेश (एमपी) को यह तीसरी मदद है. भारत की ओर से वित्तमंत्रालय के आर्थिक मामले के विभाग के संयुक्त सचिव (बहुपक्षीय संस्थान) वेणु गोपाल तथा एडीबी की ओर से एडीबी के भारत आवास मिशन के ऑफिसर-इन-चार्ज प्रद्युत दत्ता ने इस ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए. परियोजना समझौते पर मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव केके सिंह तथा एडीबी के प्रद्युत दत्ता ने हस्ताक्षर किया.
इस ऋण से राज्य के 1000 किमी पूर्वी तथा पश्चिम केंद्रीय राजमार्ग को सुधारने में सहयोग मिलेगा. सड़क सुरक्षा तथा राज्य राजमार्ग विकास तथा प्रबंधन में निजी क्षेत्र की भागीदारी में सहयोग के लिए एडीबी इसके साथ-साथ ऋण पैकेज के एक भाग के रूप में 10 लाख डॉलर का तकनीकी सहयोग/अनुदान भी प्रदान करने का निर्णय लिया.
सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) सहित उन्नत वित्तीयन तरीकों के माध्यम से सरकार संयुक्त तथा सतत विकास के लिए निवेश पर बल दे रही है. मध्यप्रदेश ने आर्थिक वर्ष 2005 में 7 प्रतिशत प्रतिवर्ष की प्रभावशाली वृद्धि दर्ज की है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से राज्य में उच्च आर्थिक विकास तथा गरीबी कम करने में मदद मिलेगी.
विदित हो कि देश भागीदारी नीति (2009-2012) के अंतर्गत भारत में सतत आर्थिक विकास मुहैया कराने के लिए एडीबी सड़क क्षेत्र विकास में एक मूलभूत आवश्यकता के रूप में सहयोग करता है.
मध्य प्रदेश के दीर्घकालिक विकास भागीदार के रूप में एडीबी मध्य प्रदेश को 15 ऋण दे रहा है. यह ऋण ऊर्जा, शहर, राज्य सड़क तथा ग्रामीण सड़क क्षेत्र के लिए दिए जाने हैं एडीबी सार्वजनिक संसाधन प्रबंधन ऋण के माध्यम से भी राज्य की सहायता कर रहा है.
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