प्रसिद्ध लेखक और फिल्म निर्माता मदाथिल थएकुट्टू (एमटी) वासुदेवन नायर को वर्ष 2013 के लिए लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए जे.सी. डैनियल पुरस्कार के लिए 23 सितंबर 2014 को चुना गया. केरल सरकार द्वारा दिया गया पुरस्कार मलयालम फिल्म उद्योग के समग्र योगदान को मान्यता देते हैं.
उन्हें यह पुरस्कार केरल के तिरुवनंतपुरम में कानाकाकुन्नू पैलेस में 17 अक्टूबर 2014 को एक समारोह में प्रदान किया जाएगा. एमटी वासुदेवन नायर को लेखक और मलयालम विश्वविद्यालय के कुलपति के जयकुमार की अध्यक्षता वाली जूरी ने इस पुरस्कार के लिए चुना था.
मदाथिल थएकुट्टू वासुदेवन नायर
• एमटी वासुदेवन नायर का वर्ष 1965 में मूरापेन्नू फिल्म के साथ पटकथा लेखक के रूप में कैरियर शुरू हुआ.
• उनके पहले उपन्यास नालुकेट्टू (विरासत) ने वर्ष 1958 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार जीता.
• एमटी वासुदेवन नायर को मलयालम साहित्य में समग्र योगदान के लिए वर्ष 1995 में ज्ञानपीठ पुरस्कार जीता.
• वर्ष 2005 में पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्त किया.
• एमटी वासुदेवन ने अब तक सात फिल्मों का निर्देशन किया और लगभग 54 फिल्मों के लिए पटकथा लिखी है.
• एमटी वासुदेवन ने अपने कैरियर में सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिए चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार जीता.
• एमटी वासुदेवन ने निर्देशक के रूप में अपनी पहली फिल्म के लिए वर्ष 1974 में सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता.
जे.सी. डैनियल पुरस्कार
• केरल सरकार ने सांस्कृतिक मामलों के विभाग के अधीन वर्ष 1992 में जेसी डेनियल के सम्मान में इस पुरस्कार की स्थापना की.
• डैनियल को वर्ष 1928 में वागाथाकुमारन में उत्पादन, निर्देशन, लेखन, फोटोग्राफी, संपादन और अभिनय के लिए मलयालम सिनेमा के जनक का माना जाता था. यह केरल में बनाई गई पहली फिल्म थी.
• यह पुरस्कार केरल राज्य फिल्म पुरस्कार का एक हिस्सा है और जीवनभर की उपलब्धियों और मलयालम सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के सम्मान में प्रदान किया जाता है.
• इस पुरस्कार में 1 लाख रुपए का नकद पुरस्कार, प्रतिमा और एक प्रशस्ति पत्र शामिल हैं.
• वर्ष 1992 में पहला जे.सी. डैनियल पुरस्कार निर्माता ते वासुदेवन को प्रदान किया गया था.
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