मालदीव की संसद ने 5 नवम्बर 2015 को देश के उप राष्ट्रपति अहमद अदीब पर महाभियोग चलाने के लिए मतदान किया. उन पर राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम को मारने की साजिश रचने का आरोप है.
85 सदस्यीय सदन में 61 सांसद उपस्थित थे और किसी ने भी महाभियोग का विरोध नहीं किया और किसी ने उनके पक्ष में मतदान नहीं किया. मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (विपक्षी) मतदान से दूर रही.
महाभियोग का निर्णय देश में राष्ट्रपति द्वारा आपात काल की घोषणा के एक दिन बाद आया. उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए विस्फोट और हथियारों की बरामदगी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.
आपात काल की घोषणा के बाद महाभियोग पर कार्यवाई के लिए विनियमन के एक खंड के नियमानुसार राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति पर 14 दिनों की अपेक्षा सात दिनों के भीतर ही महाभियोग प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया की जा सकती है.
तीन महीनों के भीतर महाभियोग का सामना करने वाले अहमद अदीब दूसरे उपराष्ट्रपति हैं.
इससे पहले अक्टूबर 2015 में उन्हें कथित रूप से 28 सितंबर, 2015 को राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम को उनकी स्पीडबोट में विस्फोट लगाकर मारने की योजना बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
यदि महाभियोग प्रस्ताव को राष्ट्रपति यामीन अब्दुल गयूम ने मंजूरी दे दी है तो उन पर हाल ही में अक्टूबर 2015 में मालदीव की संसद द्वारा पारित आतंकवाद कानून के तहत कार्यवाही की जाएगी. इस्लामिक स्टेट समूह के साथ मालदीवियों की सहानुभूति के द्रष्टिगत नियम बनाया गया. यदि उपराष्ट्रपति दोषी पाए गए तो अदीब को 25 साल तक जेल में रहना पड़ सकता है.
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