यमन के राष्ट्रपति अब्दराबुह मंसूर हादी ने शिया होथि विद्रोहियों के साथ यमन की राजधानी साना में एक शांति समझौते पर 21 सितंबर 2014 को हस्ताक्षर किए. इस शांति समझौते का उद्देश्य देश में हिंसा का अंत करना है.
यह समझौता राष्ट्रपति के महल में राष्ट्रपति हादी, यमन में संयुक्त राष्ट्र के राजदूत जमाल बेनोमार और यमन के राजनीतिक बलों जिसमे होथि विद्रोही भी शामिल हैं, की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए.
समझौते के बाद प्रधानमंत्री मोहम्मद बसिंदवा ने राष्ट्रपति अब्दराबुह मंसूर हादी को अपना इस्तीफा प्रस्तुत किया. उन्होंने संघर्ष विराम समझौते के तहत इस्तीफा दिया, जिसमें प्रधानमंत्री के नेतृत्व में वर्तमान सरकार को इस्तीफा देना था और व्यापक प्रतिनिधित्व के साथ एक नई सरकार का गठन होना था.
सौदे के अन्य पहलू
- समझौते के तहत एक महीने के भीतर नई सरकार का गठन होना है.
- इसमें यह भी लिखा है कि राष्ट्रपति अब्दराबुह मंसूर अल हादी को तीन दिनों के भीतर होथि विद्रोहियों और दक्षिणी अलगाववादियों में से सलाहकारों को नियुक्त करना है.
- राष्ट्रपति को तीन दिनों के भीतर नए प्रधानमंत्री का नाम भी घोषित करना है जो प्रधानमंत्री बसिंदवा का स्थान लेगा. नया प्रधानमंत्री तटस्थ होगा और किसी भी पार्टी से सम्बंधित नहीं होगा. इस समझौते के तहत ईंधन सब्सिडी को जारी रखा जायेगा.
- इस समझौते पर तब हस्ताक्षर हुए जब विद्रोही गुटों ने देश की महत्वपूर्ण जगहों को जब्त कर लिया था जिसमें राजधानी सन्ना के सरकारी मुख्यालय भी शामिल थे.
टिप्पणी
राज्य में 16 सितम्बर 2014 को हिंसा का आरंभ हुआ. विद्रोहियों ने वर्तमान सरकार को बर्खास्त करने, सत्ता में ज़्यादा हिस्सेदारी और ईंधन सब्सिडी को जारी रखने की मांग की थी.
इस हिंसा में 140 लोगों की मौत हुई और इसने हजारों लोगों को पलायन करने के लिए मजबूर कर दिया. लेकिन अब लगता है कि संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से होथि विद्रोहियों और यमन की सरकार के बीच हुए इस शांति समझौते से इस हिंसा का भी अंत हो जाएगा और होथि विद्रोही राजधानी सन्ना के जब्त किये हुए हिस्से छोड़ देंगे.
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