शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) कार्यालय ने 4 नवम्बर 2015 को आई एम हियर, आई बिलोंग ऑन नीड टू इंड चाइल्डहुड स्टेटलेसनेस शीर्षक से एक अध्ययन रिपोर्ट जारी किया.
यह रिपोर्ट दुनिया भर के सात देशों के अभिभावकों और 250 से अधिक राज्यविहीन बच्चों और युवाओं के माता-पिता से लिए गए साक्षात्कार के आधार पर तैयार की गयी है.
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं-
दुनिया भर में भेदभावपूर्ण नागरिकता कानूनों और हिंसक संघर्षों के कारण हर दस मिनट में अमूमन एक राज्यविहीन बच्चा जन्म लेता है.
समस्या सीरियाई शरणार्थी संकट के कारण सबसे अधिक दिखाई दे रही है.इस संकट के कारण पड़ोसी देशों लेबनान, जॉर्डन और तुर्की में राज्यविहीन बच्चों की संख्या लगभग 140000 है.
राज्यविहीनता एक ऐसी स्थिति है जिससे पूरे विश्व में लगभग 10 मिलियन लोग प्रभावित हैं.
राज्यविहीनता के कारण 3 लाख बच्चों का वर्तमान और भविष्य हमेशा दांव पर लगा रहना एक गंभीर समस्या है.
30 से अधिक देशों के बच्चें जिनके पास नागरिकता प्रमाणपत्र नहीं है स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हैं.
20 से अधिक देशों के बच्चों का राज्यविहीनता के कारण टिकाकरण नहीं होता तथा कोटे डी आइवर और जॉर्जिया सहित अन्य देशों में राज्यविहीन बच्चों को प्राथमिक स्कूल में दाखिला नहीं दिया जाता है या फिर उन्हें स्कूल में दाखिला लेने के लिए एक शुल्क का भुगतान करना पड़ता है.
इस समस्या से निजात दिलाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त कार्यालय (यूएनएचसीआर) ने बच्चों के जन्म के समय ही जन्म लेने वाले राज्य से नागरिकता देने की दिशा में कदम उठाने की अपील की है.
राज्यविहीनता की स्थिति से निबटने के लिए यूएनएचसीआर ने जाति या धर्म के आधार पर बच्चों को राष्ट्रीयता देने से इनकार करने वाले कानूनों और प्रथाओं के उन्मूलन के लिए सार्वभौमिक जन्म पंजीकरण को सुनिश्चित करने पर जोर दिया है.
संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त कार्यालय ने 2024 तक इस समस्या के पूर्ण उन्मूलन के लिए एक अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान के तहत 2024 तक इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्यों से वैश्विक कार्य योजना के साथ निम्नलिखित कदम उठाने के लिए आग्रह किया है-
अन्य देशों के निवासी होने के बावजूद भी बच्चें जिस देश में जन्म लें उन्हें वहां की नागरिकता प्रदान की जाय.
पिता की भांति माँ की नागरिकता भी बच्चों को अधिकार स्वरुप प्राप्त हो, इसके लिए कानून में सुधार किया जाय ताकि पिता की अनुपस्थिति में मां जिस देश की नागरिक हो बच्चा भी उसी देश का नागरिक माना जाय.
जाति या धर्म के आधार पर बच्चों को राष्ट्रीयता का अधिकार देने से इनकार करने वाले कानूनों और प्रथाओं को हटाया जाय.
राज्यविहीनता की स्थिति को रोकने के लिए सार्वभौमिक जन्म पंजीकरण प्रक्रिया सुनिश्चित की जाय.
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