उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों को गति देने के लिए 21 दिसम्बर 2015 को राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए. टाटा समूह शिक्षा, स्वास्थ्य, मातृ शिशु स्वास्थ्य, ऊर्जा और विकास, गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, आय में बढ़ोतरी तथा अवस्थापना विकास में सहयोग के लिए प्रदेश के विकास को गति देगा.
राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव आलोक रंजन और टाटा ट्रस्ट्स की तरफ से एक्ज़ीक्यूटिव ट्रस्टी आर वेंकट रमन ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए.
विकास कार्यों की निगरानी के लिए संयुक्त राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी बनाई जाएगी. जिसमें प्रदेश सरकार और टाटा ट्रस्ट के प्रतिनिधि नियुक्त होंगे.
निर्धन और कमजोर वर्गों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में राज्य सरकार के प्रयासों को टाटा ट्रस्ट गति देगा.
शिक्षा और स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रों में सामुदायिक विकास से जुड़े कार्यों में प्रदेश सरकार और टाटा ट्रस्ट दीर्घकालिक भागीदारी निभाएंगे.
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य-
- माताओं एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण कार्यक्रम तैयार कर उसे लागू किया जाएगा. महिलाओं में खून की कमी को दूर करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे.
कैंसर-
- प्राथमिक स्वास्थ्य तंत्र की मदद से शुरूआती चरण में ही कैंसर का पता लगाने के लिए एक प्रणाली विकसित कर लागू की जाएगी. साथ ही, कैंसर रजिस्ट्री भी तैयार की जाएगी.
जीवन स्तर-
- जनता के रहन-सहन के स्तर को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट्स गुणवत्तापरक शिक्षा तथा रोजगारपरक प्रशिक्षण के क्षेत्रों में भी मिलकर कार्य करेंगे.
किसानों के लिए-
- राज्य सरकार और टाटा के बीच होने वाले करार में आफ ग्रिड सौर ऊर्जा तथा सौर ऊर्जा आधारित सिंचाई प्रणाली का विकास तथा सोलर वाटर लिफ्टिंग पम्प्स की स्थापना के काम को प्राथमिकता दी जाएगी.
- हाईटेक प्लाण्ट नर्सरी, हार्टीकल्चर के क्षेत्र में उन्नत तकनीक एवं प्रजातियों का समावेश, एग्रो फारेस्ट्री, जैविक खेती तथा कृषि उपज में बढ़ोत्तरी के लिए भी सम्मिलित रूप से प्रयास किए जाएंगे.
- फसलों का सुरक्षित भण्डारण, कृषि विपणन, लघु सिंचाई प्रणाली को प्रोत्साहन, उन्नत प्रजातियों के बीजों के विकास सहित दूध, मैंथा, लहसुन, प्याज मक्का, दालों, केला, आलू आदि के लिए वैल्यू चेन का विकास भी किया जाएगा.
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