ब्रिटेन के यॉर्क विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने इस बात के प्रयोगात्मक साक्ष्य प्रदान किए कि सितारों से ध्वनि उत्पन्न हो सकती है. इसकी पुष्टि मार्च 2015 के फिजिकल रिव्यू लेटर्स के एक प्रकाशन से हुई.
यह अनुसंधान इंजीनियरिंग और भौतिक विज्ञान अनुसंधान परिषद और टाटा मूलभूत अनुसंधान संस्थान द्वारा वित्त पोषित था.
अध्ययन के मुख्य निष्कर्ष
जब अत्यधिक तीव्र लेजर प्लाज्मा से टकराता है तो इस क्रिया के होने के 1 सेकंड के ट्रिलियंथ हिस्से बाद प्लाज्मा उच्च घनत्व क्षेत्र से निम्न घनत्व क्षेत्र की और प्रवाहित होता है.
वह क्षेत्र जहाँ उच्च घनत्व और निम्न घनत्व क्षेत्र मिलते हैं उसे शोधकर्ताओं द्वरा ट्रैफिक जैम नाम दिया गया है.
इस स्थान पर प्लाज्मा एकत्रित हो जाता है जिसके कारण एक दाब तरंग ध्वनि के रूप में निकलती है.
इस प्रकार उत्पन्न हुई ध्वनि किसी भी स्तनपायी द्वारा सुनी जा सकने वाली ध्वनि क्षमता से छह लाख गुना अधिक होती है.
अध्ययन के लिए इस्तेमाल की गई तकनीक
शोधकर्ताओं ने तरल पदार्थ का अध्ययन करने वाली विज्ञान की शाखा हाइड्रोडाईनेमिक्स का प्रयोग इस अध्ययन के लिए किया.
अध्ययन में ध्वनि तरंग को प्रयोगशाला में ठीक उसी तकनीक के इस्तेमाल से देखा गया जैसे पुलिस द्वरा हाईस्पीड कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है.
इस तकनीक के प्रयोग से ही ध्वनि तरंग का पता लगाया जा सका.
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